स्वच्छता का विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में बढ़ा महाकुंभ
महाकुंभनगर, 14 फरवरी (भाषा) तीर्थराज प्रयागराज की धरती ना केवल भव्य महाकुंभ रूप में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षात्कार कर रही है, बल्कि संगमनगरी विश्व रिकॉर्ड का भी साक्षी बनने जा रही है। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, महाकुंभ में शुक्रवार को 50 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम और गंगा में स्नान के विश्व रिकॉर्ड के साथ ही स्वच्छता की दिशा में भी एक अनूठा रिकॉर्ड बनने जा रहा है। इसके तहत, 300 से अधिक स्वच्छताकर्मियों ने शुक्रवार को एक साथ अलग-अलग घाटों पर गंगा की सफाई की।
स्वच्छता के विश्व रिकॉर्ड के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी निर्धारित प्रक्रिया को अपनाया गया। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि इस पूरी प्रक्रिया का सत्यापन करेंगे और इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के बाद इसका प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।
प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड होगा, जहां एक साथ इतने सफाई कर्मियों ने अलग-अलग घाटों पर आधे घंटे से ज्यादा समय तक घाटों पर सफाई का अभियान चलाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार, प्रयागराज में जारी महाकुंभ की वैश्विक छवि को देखते हुए सरकार ने नदी की सफाई को लेकर जन जागरुकता अभियान छेड़ा हुआ है जिसकी वजह से महाकुंभ में आ रहे करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन, निर्मल और स्वच्छ जल में स्नान कर रहे हैं।
मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आकांक्षा राना ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर गंगा नदी पर बने तीन घाटों (राम घाट, भारद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट) पर एक साथ गंगा सफाई अभियान चलाया गया।
उन्होंने बताया कि आधे घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान के माध्यम से नदी और घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता का भी प्रसार किया गया। इस अभियान में 300 से ज्यादा सफाई कर्मी शामिल हुए। इस तरह का अभियान पहली बार चलाया गया है।
आकांक्षा राना ने बताया कि इस अभियान को देखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिसे देखने और सत्यापन करने के बाद इस रिकॉर्ड को मान्यता दी जाएगी।