दिल्ली चुनाव: कांग्रेस के 67 नेताओं समेत 80 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त
नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा की तीन सीट छोड़कर सभी 67 सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 80 प्रतिशत उम्मीदवारों (निर्दलीय समेत) की जमानत जब्त हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी में पांच फरवरी को हुए मतदान के बाद शनिवार को परिणाम जारी किए गए, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दल जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सभी उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे।
दिल्ली में कुल 699 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिनमें से 555 (79.39 प्रतिशत) प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। कांग्रेस के लिए यह बहुत ही परेशान करने वाली स्थिति है कि वह न केवल लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत पाई बल्कि उसके 67 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई।
राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में लगातार तीन बार 2013 तक शासन करने वाली कांग्रेस ने सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े किए थे।
कांग्रेस के केवल तीन उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे जिसमें कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त, नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से देवेंद्र यादव शामिल हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें ओखला सीट से चुनाव लड़े प्रत्याशी शिफा-उर-रहमान खान अपनी जमानत बचाने में सफल रहे।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (1951) के अनुसार, चुनाव लड़ने वाले सामान्य वर्ग के किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचन आयोग के पास सुरक्षा जमा के रूप में 10,000 रुपये जमा करने होते हैं जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों के लिए यह राशि 5,000 रुपये है।
निर्वाचन कानून के अनुसार, यदि उम्मीदवार निर्वाचित नहीं होता है और उसके द्वारा प्राप्त वैध मतों की संख्या कुल पड़े वैध वोटों की संख्या के छठे भाग से अधिक नहीं होती है तो इस स्थिति में उस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है।
भाजपा दिल्ली में 26 साल से अधिक समय बाद सरकार बनाने जा रही है। पार्टी ने 70 सीट में से 48 पर जीत हासिल की है जबकि ‘आप’ केवल 22 सीट ही जीत पाई।