बजट, मौद्रिक नीति उपायों से खपत, निजी निवेश में आएगी तेजी: सीतारमण

बजट, मौद्रिक नीति उपायों से खपत, निजी निवेश में आएगी तेजी: सीतारमण

नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि हाल में बजट और मौद्रिक नीति समीक्षा में घोषित उपायों से खपत और निजी निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां मिलकर काम कर रही हैं और सरकार और आरबीआई के बीच अच्छा समन्वय है।

सीतारमण यह भी कहा कि वह आने वाले सप्ताह में लोकसभा में नया आयकर विधेयक पेश कर सकती हैं। यह विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम का स्थान लेगा।

वित्त मंत्री ने एक फरवरी को पेश बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए आयकर में छूट सहित कई उपायों का प्रस्ताव किया। कर छूट के तहत आयकरदाताओं को एक साल में 12.75 लाख रुपये (75,000 रुपये की मानक कटौती सहित) तक की कमाई पर कोई कर नहीं देना होगा। छूट सीमा सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये किये जाने से एक करोड़ लोग कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे।

वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में लगभग पांच साल बाद नीतिगत दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया।

सीतारमण ने बजट पश्चात परंपरा के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बजट के बाद, मुझे उद्योग जगत से जुड़े लोगों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार अप्रैल-जून के लिए दैनिक उपयोग के उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) के ऑर्डर पहले से ही बुक हो रहे हैं, और उद्योग स्पष्ट रूप से खपत में संभावित सुधार के संकेत देख रहा है।’’

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप उनमें से कई लोग स्वयं अपनी क्षमता उपयोग की समीक्षा करने पर विचार कर रहे हैं। इसका मतलब है कि जिन लोगों को निवेश के बारे में निर्णय करना है, वे उपभोग में तेजी को महसूस कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखती हूं। आरबीआई के शुक्रवार के फैसले के साथ, चीजें आगे बढ़ सकती हैं...।’’

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों वृद्धि को गति देने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए समन्वित तरीके से काम करना जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां मिलकर काम कर रही हैं और सरकार और आरबीआई के बीच अच्छा समन्वय है।’’

सीतारमण ने शनिवार को कहा कि वह आने वाले सप्ताह में लोकसभा में नया आयकर विधेयक पेश कर सकती हैं। यह विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम का स्थान लेगा।

उच्च सदन में पेश होने के बाद विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस विधेयक को मंजूरी दे दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी। मुझे उम्मीद है कि इसे आने वाले सप्ताह में लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह संसदीय समिति के पास जाएगा।’’

संसदीय समिति की इस पर सिफारिशों के बाद यह विधेयक फिर से मंत्रिमंडल के पास जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद इसे दोबारा संसद में पेश किया जाएगा।

सीतारमण ने नए आयकर कानून लागू होने के समय के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘इसे अभी भी तीन महत्वपूर्ण चरणों से गुजरना है।’’

सीतारमण ने पहली बार जुलाई 2024 के बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर कानून की समीक्षा पर गौर करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति गठित की थी। नये आयकर अधिनियम से विवाद और मुकदमें कम होंगे।

बैंकों के विलय से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बजट में छह क्षेत्रों (कराधान, बिजली क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामकीय सुधार) पर जोर दिया गया है, उस पर जरूर आगे बढ़ेंगे।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इस बजट का मसद अगले पांच साल में छह क्षेत्रों में रूपांतरणकारी सुधारों को आगे बढ़ाना है। ये कदम हमारी वृद्धि संभावना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाएंगे।