स्कोडा फॉक्सवैगन की याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा बंबई उच्च न्यायालय
मुंबई, पांच फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय भारतीय सीमाशुल्क अधिकारियों की 1.4 अरब डॉलर की कर मांग के खिलाफ स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा।
भारत में फॉक्सवैगन समूह का नेतृत्व स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के पास है। अधिकारियों ने इस कंपनी पर लगभग 11,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.4 अरब डॉलर) की कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मोटर वाहन कंपनी ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर सीमा शुल्क अधिनियम के तहत सितंबर 2024 में अधिकारियों द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को पिछले महीने चुनौती दी थी।
कंपनी के वकीलों ने बुधवार को न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई की मांग की।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करने पर सहमति जताई है।
सीमा शुल्क धोखाधड़ी उन कारों पर लागू होती है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर देश में लाया जाता है। सीकेडी इकाई का मतलब है कि किसी भी कार को अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात किया जाए और फिर देश के भीतर ‘असेंबलिंग’ कर एक कार तैयार कर दी जाए।
फॉक्सवैगन समूह ने भारत में ऑडी, फॉक्सवैगन और स्कोडा जैसे विभिन्न ब्रांड के तहत कई ऐसे मॉडलों की बिक्री की है जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर आयात किया गया और भारत में असेंबल किया गया। इन मॉडलों में ऑक्टेविया, सुपर्ब, कोडियाक, जेट्टा और टिगुआन शामिल हैं।
समूह पर आरोप है कि उसने अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर इन कारों का आयात कर सीमा शुल्क अधिकारियों को गुमराह किया और उच्च आयात शुल्क से बचने की कोशिश की।