रत्न, आभूषण उद्योग ने प्लैटिनम फाइंडिंग्स पर सीमा शुल्क कटौती का स्वागत किया

रत्न, आभूषण उद्योग ने प्लैटिनम फाइंडिंग्स पर सीमा शुल्क कटौती का स्वागत किया

मुंबई, एक फरवरी (भाषा) रत्न और आभूषण उद्योग ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 में प्लैटिनम फाइंडिंग्स (प्लैटिनम के आभूषण बनाने पर इस्तेमाल होने वाले तत्व) पर मूल सीमा शुल्क को कम करने और आभूषण शुल्क में कटौती करने के सरकार के कदम का स्वागत किया।

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा कि परिषद अध्याय 71 में नए टैरिफ आइटम बनाने के प्रस्ताव का स्वागत करती है ताकि क्रमशः 7106, 7108 और 7110 शीर्षकों के तहत 99.9 प्रतिशत या उससे अधिक वजन वाली चांदी, 99.5 प्रतिशत या उससे अधिक वजन वाली सोने और 99 प्रतिशत या उससे अधिक वजन वाली प्लैटिनम युक्त कीमती धातुओं को अलग किया जा सके।

उन्होंने कहा कि यह कदम प्लैटिनम (जिसमें मुख्य रूप से सोना होता है) के मिश्रधातुओं के वर्गीकरण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए जीजेईपीसी द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व के अनुरूप है, जिसके कारण भारत-यूएई सीईपीए (व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते) के तहत प्लैटिनम के आयात के लिए अनुचित सीमा शुल्क छूट का दावा किया जा रहा था।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय सीईओ, भारत, सचिन जैन ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित बजट स्वर्ण उद्योग के लिए फायदेमंद है।

जैन ने कहा कि कुल मिलाकर, यह उपभोग-आधारित बजट निवेश और व्यय दोनों को प्राथमिकता देता है, बढ़ी हुई कर छूट सीमा के कारण खर्च योग्य आय में वृद्धि से सोने और आभूषणों सहित समग्र उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि आभूषण शुल्क को 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करना एक स्वागतयोग्य कदम है।