मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़ से मौत, प्रधानमंत्री ने जताई संवेदना
महाकुंभ नगर, 29 जनवरी (भाषा) मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार तड़के पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मरने वालों की संख्या के बारे में बिल्कुल चुप्पी साध रखी है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ‘हादसे’ को ‘अत्यंत दुखद’ करार दिया और इसमें अपने परिजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।
इस बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भगदड़ को विपक्ष की ‘साजिश’ बताते हुए इसे जांच का विषय करार दिया है।
हादसे के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चार बार बात करने के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में बने हुए हैं।
बाद में दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर करतार नगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘‘‘जो दुःखद हादसा हुआ है, उस हादसे में हमें कुछ पुण्यात्माओं को खोना पड़ा है, कई लोगों को चोट भी आई है। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। मौनी अमावस्या की वजह से करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हुए हैं। कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावटें आई थी। लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रुप से श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। मैं एक बार फिर परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
शाह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि इस ‘दुखद हादसे’ से वह अत्यंत व्यथित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस दुर्घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें यह दुख सहने की शक्ति दें। घायलों का अस्पतालों में उपचार हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं।’’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि हादसे में कुछ श्रद्धालु ‘गंभीर रूप से घायल’ हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के बाद प्रात:काल से ही प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग चार बार हाल-चाल लिया है।
उन्होंने बताया कि शाह, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी हादसे के संबंध में जानकारी ली है।
उन्होंने कहा, ‘‘रात में एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर, जहां से अमृत स्नान की दृष्टि से बैरिकेड्स लगाए गए थे, उनको फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उपचार की व्यवस्था की गई है। उनमें से कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं।’’
भगदड़ के कारण संगम में अखाड़ों का स्नान सुबह के बजाय दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ। विभिन्न अखाड़ों के साधुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी।
कुंभ मेले की परंपरा के अनुसार, तीन संप्रदायों ‘संन्यासी, बैरागी और उदासीन’ से संबंधित अखाड़े संगम घाट पर एक भव्य, विस्मयकारी जुलूस के बाद एक निर्धारित क्रम में पवित्र डुबकी लगाते हैं।
इस बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने महाकुंभ के प्रबंधन की बागडोर सेना को सौंपने की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मांग के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ''मैं समझता हूं कि यह विपक्ष की साजिश होगी। यह जांच का विषय है कि कहीं विपक्ष ने ही तो नहीं कुछ ऐसा किया जिसके कारण यह सब कुछ हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष आज से ही नहीं, बल्कि जब से मेला शुरू हुआ था तब से ही हमारे पीछे लगा हुआ था। उनका कहना था कि यह मेला भूमि वक्फ बोर्ड की है। उनका यह कहना था कि गंगा में स्नान करना पाप होता है। गंगा में स्नान करने से बीमारी होती है। इसीलिये मुझे शंका होती है कि कुछ विपक्ष की ही चाल है।’’
रात करीब दो बजे कुंभ मेला क्षेत्र में लाउडस्पीकरों से लगातार मंत्रोच्चारण और श्लोकों की गूंज पर संगम की ओर जाने वाली एंबुलेंस और पुलिस वाहनों के सायरन के बजने की आवाज भारी पड़ने लगी।
घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई घायलों के रिश्तेदार और कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी भी वहां पहुंच गए।
सुरक्षाकर्मी और बचावकर्मी कई घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाते देखे गए। लोगों के कंबल और बैग सहित अन्य सामान इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज सुबह साढ़े आठ बजे तक लगभग तीन करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और यह लगातार जारी है लेकिन संगम नोज, अखाड़ा मार्ग और नाग वासुकी मार्ग पर लगातार दबाव बना हुआ है।’’
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे ‘अफवाहों’ पर ध्यान ना दें और संयम से काम लें।
उन्होंने स्नानार्थियों से अपील करते हुए कहा कि वे जहां पर हैं, वहीं निकट के घाट पर स्नान करें और संगम नोज की तरफ जाने से बचें।
मेला विशेष कार्य अधिकारी आकांक्षा राणा ने पहले कहा था, ‘‘संगम में बैरियर टूटने के बाद कुछ लोग घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमें अभी तक घायलों की सही संख्या नहीं पता है।’’
कर्नाटक की एक श्रद्धालु सरोजिनी ने कहा, ‘‘हम दो बसों में 60 लोग आए थे। अचानक भीड़ में धक्का-मुक्की होने लगी और हम फंस गए। हममें से बहुत से लोग गिर गए और भीड़ बेकाबू हो गई।’’
महिला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, ‘‘भागने का कोई मौका नहीं था, हर तरफ से धक्का-मुक्की हो रही थी।’’
मध्य प्रदेश के छतरपुर से आये एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी मां घायल हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि मेघालय से आया एक अधेड़ दंपत्ति पत्रकारों को भगदड़ में फंसने के अपने भयावह अनुभव के बारे में बता रहा था।
भगदड़ में घायल हुए अपने बच्चों का इलाज कराने अस्पताल पहुंची एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए दावा किया, ‘‘जाने के लिए कोई जगह नहीं थी। कुछ लोग हमें धक्का दे रहे थे और हंस रहे थे, जबकि हम उनसे बच्चों के प्रति दया की भीख मांग रहे थे।’’
हिंदू धर्म में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम को अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेष रूप से मौनी अमावस्या जैसी विशेष स्नान तिथियों पर इसमें डुबकी लगाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं और उन्हें ‘मोक्ष’ की प्राप्ति होती है।
तीर्थयात्रियों की अनुमानित आमद को देखते हुए मेला अधिकारियों ने मंगलवार को एक परामर्श जारी किया था, जिसमें भक्तों से सुरक्षा और सुविधा के लिए भीड़-प्रबंधन संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया था।