सूरत : विराणी परिवार ने माता की निधन के बाद डॉ. प्रफुल्लभाई शिरोया से संपर्क कर नेत्रदान-देहदान किया
डॉ. अजयभाई सावलिया एवं डॉ. जयेश वघासिया का सहयोग प्राप्त हुआ
औद्योगिक नगरी सूरत में उद्योग-व्यापार के साथ ही साथ धार्मिक एवं सामाजिक कार्य भी बड़े पैमाने पर किये जाते हैं। जहां एक ओर सैकड़ों की संख्या में जरुरतमंद युवतियों की सामूहिक शादी कराई जाती है तो वहीं स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाएं खूब बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं, जिसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता है। इसके अलावा समय-समय पर रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर में नेत्रदान-देहदान की जागरुकता होने से अब सूरत शहर में नेत्रदान एवं देहदान भी बड़े पैमाने पर होने लगे हैं। इसी क्रम में विराणी परिवार ने माता की निधन के बाद नेत्र एवं देहदान करने का निर्णय लेकर समाज में सकारात्मक संदेश दिया है।
टेक्सटाइल के व्यवसाय से जुड़े हुए विराणी परिवार के मोढ़ी मणीबेन उकाभाई विराणी, वतन मोटिववाड़ी, ता. गारियाधार, जिला भावनगर, वर्तमान में डी/1002 मैरिगोल्ड क्रिस्टा, वीटी सर्कल, सरथाणा जकात नाका, वराछा रोड, सूरत के निवासी हैं। पुत्र गणेशभाई, स्व. कंजीभाई, पुत्री सविताबेन छगनभाई जीवाणी, शांतुबेन बिचरभाई सुतरिया, कांतुबेन केशुभाई कुकड़िया, पौत्र किशन कंजीभाई विराणी, हितेश गणेशभाई विराणी और विराणी परिवार की इच्छा से इंडियन रेड क्रॉस चौऱासी ब्रांच, लायन्स क्लब ऑफ सूरत ईस्ट और रोटरी क्लब ऑफ सूरत ईस्ट के प्रयासों से डॉ. प्रफुल्लभाई शिरोया और दिनेशभाई पटेल से संपर्क किया गया।
नेत्रदान लोक दृष्टि आई बैंक, सक्षम सूरत और देहदान मेडिकल कॉलेज में अध्ययन कर रहे छात्रों को देह की आंतरिक रचना सिखाने के लिए माता का निधन होने पर भरूच स्थित डॉ. किरण सी. पटेल मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट में अर्पण किया गया। डॉ. अजयभाई सावलिया और डॉ. जयेश वघासिया का सहयोग प्राप्त हुआ था।