रियल्टी, तेल-गैस शेयरों में बिकवाली से बाजार गिरा, सेंसेक्स 330 अंक फिसला

रियल्टी, तेल-गैस शेयरों में बिकवाली से बाजार गिरा, सेंसेक्स 330 अंक फिसला

मुंबई, 24 जनवरी (भाषा) उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में घरेलू शेयर बाजार ने शुक्रवार को अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और दो दिनों की तेजी के बाद गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स में 330 अंक और निफ्टी में 113 अंक की गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच निवेशकों ने रियल्टी, तेल एवं गैस और स्वास्थ्य देखभाल कंपनियों में निवेश घटा दिया। विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 329.92 अंक यानी 0.43 प्रतिशत गिरकर 76,190.46 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 428.63 अंक गिरकर 76,091.75 पर आ गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 113.15 अंक यानी 0.49 प्रतिशत गिरकर 23,092.20 पर बंद हुआ। इस तरह घरेलू शेयरों में पिछले दो दिनों से जारी तेजी थम गई।

कारोबारी सप्ताह का भी समापन गिरावट के साथ हुआ। इस हफ्ते सेंसेक्स में कुल 428.87 अंक यानी 0.55 प्रतिशत और निफ्टी में 111 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "वाहन, तेल एवं गैस और रियल्टी शेयरों में बिकवाली के बीच बाजार उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आए तगड़े सुधार ने गिरावट को थामने का काम किया।"

तापसे ने कहा कि आगामी बजट की घोषणा के पहले निवेशकों के सतर्क रुख ही अपनाए रखने की संभावना दिख रही है।

बीएसई के समूह में शामिल कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टूब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, अदाणी पोर्ट्स और बजाज फिनसर्व के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही।

दूसरी तरफ, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टेक महिंद्रा, नेस्ले, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

छोटी कंपनियों के बीएसई स्मालकैप सूचकांक में 2.23 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 1.60 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

क्षेत्रवार सूचकांकों में रियल्टी खंड में सर्वाधिक 2.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि तेल एवं गैस खंड में 2.30 प्रतिशत, औद्योगिक खंड में 2.22 प्रतिशत और वाहन खंड में 1.69 की गिरावट रही।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार में धारणा इतनी कमजोर है कि उम्मीदों के अनुरूप तिमाही नतीजे आने पर भी बिकवाली होने लग रही है। छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों में दबाव के बावजूद बड़ी कंपनियों के शेयर थोड़ा प्रतिरोध दिखा रहे हैं।"

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक क्षेत्र में रहे।

हालांकि जापान का सूचकांक निक्की गिरावट पर रहा। बैंक ऑफ जापान ने अपनी प्रमुख ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 0.5 प्रतिशत कर दिया।

यूरोप के बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजारों में बृहस्पतिवार को तेजी दर्ज की गई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए कारोबारी प्रमुखों को अमेरिका में रियायती दरों पर अपने उत्पादों का निर्माण करने या फिर शुल्क लगाने की धमकी दी। उन्होंने तेल निर्यातक देशों से कच्चे तेल की कीमतें कम करने के लिए भी कहा।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.27 प्रतिशत बढ़कर 78.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 5,462.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।

पिछले सत्र में सेंसेक्स 115.39 अंक बढ़कर 76,520.38 और निफ्टी 50 अंक बढ़कर 23,205.35 पर बंद हुआ था।