‘अल्प्राजोलम’ बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़: 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा जब्त, छह गिरफ्तार

‘अल्प्राजोलम’ बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़: 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा जब्त, छह गिरफ्तार

अहमदाबाद, 24 जनवरी (भाषा) गुजरात के आणंद जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने ‘अल्प्राजोलम’ बनाने वाली एक फैक्टरी का पर्दाफाश किया और वहां से 107 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिबंधित दवा जब्त कर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरोपी खंभात शहर के समीप किराए पर ली गई एक फैक्टरी में ‘अल्प्राजोलम’ नाम की दवा बनाते थे। ‘अल्प्राजोलम’ नींद के लिए ली जाने वाली गोलियां हैं।

एटीएस के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हर्ष उपाध्याय ने कहा कि ‘अल्प्राजोलम’ का नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जाता है, जिसके कारण ये स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के दायरे में आती है।

उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने बृहस्पतिवार शाम को फैक्टरी पर छापा मारा और 107 करोड़ रुपये मूल्य की 107 किलोग्राम ‘अल्प्राजोलम’ के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया।

छापेमारी के दौरान पकड़े गए लोगों की पहचान अजय जैन, रंजीत डाभी, विजय मकवाना, हेमंत पटेल, लालजी मकवाना और जयदीप मकवाना के रूप में हुई।

एटीएस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि पकड़े गए छह लोगों में से पांच बिना लाइसेंस के फैक्टरी में ‘अल्प्राजोलम’ का निर्माण करते थे जबकि छठा आरोपी अजय जैन बिक्री के लिए स्टॉक खरीदता था।

उपाध्याय ने बताया, “अल्प्राजोलम’ के निर्माण के लिए केंद्रीय स्वापक ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है। यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है। छापे के समय आरोपियों के पास कोई लाइसेंस नहीं था। पांच आरोपी इकाई चला रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति दवा की खेप लेने आया था।”

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान जैन द्वारा डाभी को दवा बनाने के लिए दिए गए 30 लाख रुपये भी बरामद किए गए।

एटीएस ने विज्ञप्ति में बताया कि डाभी एक ट्रेडिंग कंपनी का मालिक है जबकि चार अन्य पहले कंभट में एक फार्मास्युटिकल कंपनी में काम करते थे।

एटीएस के मुताबिक, जब्त की गयी 107 किलोग्राम खेप से कुल 42 करोड़ गोलियां बनाई जा सकती हैं। इनमें से प्रत्येक में 0.25 ग्राम ‘अल्प्राजोलम’ है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, जांच में यह भी पाया गया कि जैन मध्यप्रदेश के इंदौर का मूल निवासी है और उसे पहले भी ‘अल्प्राजोलम’ के अवैध भंडार के लिए केंद्रीय स्वापक ब्यूरो (सीबीएन) द्वारा जेल भेजा जा चुका है।