सूरत : सिंधी समाज ने नववर्ष पर मनाया श्री झुलेलाल साहेब बहेराना दिवस

धार्मिक गीत-संगीत और पारंपरिक वेशभूषा के साथ किया गया नए वर्ष का स्वागत

सूरत : सिंधी समाज ने नववर्ष पर मनाया श्री झुलेलाल साहेब बहेराना दिवस

सूरत : सिंधी समाज ने नववर्ष का स्वागत पारंपरिक और धार्मिक तरीके से करते हुए बुधवार को श्री झुलेलाल साहेब बहेराना दिवस मनाया। यह आयोजन सूरत के अडाजण स्थित साधणीमाता मंदिर में आयोजित किया गया, जिसमें समाज के बच्चों, महिलाओं, और पुरुषों तथा बुजुर्गो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

सिंधी समाज के अग्रणी हरीशभाई लालवाणी ने बताया कि यह कार्यक्रम समाज को पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से बचाने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। धार्मिक गीत-संगीत और झुलेलाल सांई की वेशभूषा में समाज के सदस्यों ने नए वर्ष का भव्य स्वागत किया।

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साधणीमाता मंदिर, वर्षा सोसायटी, पालनपुर पाटिया, अडाजण में आयोजित कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज की। बच्चों, महिलाओं और पुरुषों ने झुलेलाल सांई की वेशभूषा धारण कर धार्मिक गीत-संगीत प्रस्तुत किए। पारंपरिक भजनों और गीतों ने कार्यक्रम में आध्यात्मिक ऊर्जा भरी। समाज के सदस्यों ने इस धार्मिक आयोजन के लिए आयोजकों का धन्यवाद व्यक्त किया।

कार्यक्रम में झुलेलाल सांई की पूजा और गीत-संगीत के जरिए समाज ने नववर्ष का स्वागत किया। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को बल दिया, बल्कि समाज को एकजुट करते हुए पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करने का संदेश भी दिया। इस तरह के आयोजनों से सिंधी समाज की संस्कृति और परंपराएं न केवल संरक्षित होती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी विरासत से जोड़े रखने का अवसर मिलता है।

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