अहमदाबाद : सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने अहमदाबाद की दाऊदी व्होरा विरासत पर मंथन किया
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब पिछले गुरुवार 26 दिसंबर को तीन दिवसीय दौरे पर मुंबई से अहमदाबाद आए
अहमदाबाद : विश्वव्यापी दाऊदी व्होरा समुदाय के धर्मगुरू सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब ने शनिवार को अहमदाबाद के आस्टोडिया में कुतुबी मस्जिद में समुदाय के हजारों सदस्यों को संबोधित किया। इस मौके पर 32वें दाई सैयदना कुतुब खान कुतुबुद्दीन साहब के उर्स मुबारक पर उन्हें याद किया गया। सैयदना कुतुबुद्दीन साहब का रोजा मजार-ए-कुतबी, सरसपुर, अहमदाबाद में है जो न केवल अहमदाबाद, बल्कि आज पूरे विश्व समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक है।
कुतुबी मस्जिद परिसर और अहमदाबाद शहर के विभिन्न सामुदायिक केंद्रों में एकत्रित व्होरा समुदाय के 45,000 से अधिक लोगों को संबोधित करते हुए, सैयदना साहब ने अहमदाबाद और उनके पूर्वजों के बीच घनिष्ठ संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने याद किया कि उनके पिता सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब और उनके दादा सैयदना ताहेर सैफुद्दीन साहब की अहमदाबाद यात्राओं द्वारा समुदाय को दिया गया नेतृत्व और मार्गदर्शन आज भी याद किया जाता है।
सैयदना कुतुबुद्दीन साहब के महान गुणों का वर्णन करते हुए, सैयदाना साहब ने नेतृत्व का सही अर्थ और समुदाय के लिए बलिदान के महत्व को समझाया। सैयदना साहब ने अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे कारंज में सैयदाना कुतुब खान कुतुबुद्दीन साहब की शहादत का वर्णन किया। सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब पिछले गुरुवार 26 दिसंबर को तीन दिवसीय दौरे पर मुंबई से अहमदाबाद आए थे।
दाउदी व्होरा समुदाय पीढ़ियों से अहमदाबाद के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक ताने-बाने का एक अभिन्न अंग रहा है। अहमदाबाद के जमालपुर, वटवा, कालूपुर, खानपू, पालडी, नवरंगपुरा और गांधीनगर जैसे क्षेत्रों में 8000 से अधिक समुदाय के लोग अहमदाबाद शहर के उद्यमशीलता और व्यापार क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उद्यमशीलता की भावना और समर्पण के माध्यम से, उन्होंने गुजरात के आर्थिक विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।