राजस्थान: जयपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एलपीजी टैंकर सहित कई वाहन जले, 11 लोगों की मौत
जयपुर, 20 दिसंबर (भाषा) राजस्थान के जयपुर में शुक्रवार तड़के एक ट्रक ने एलपीजी टैंकर को टक्कर मार दी, जिससे लगी आग ने 35 से अधिक वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और लगभग 35 अन्य लोग झुलस गए।
सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से दस की मौत एसएमएस अस्पताल में और एक की मौत अन्य अस्पताल में हुई।
उन्होंने बताया कि हादसे में झुलसे व घायल लगभग 35 लोग अभी भर्ती हैं, जिनमें से कुछ वेंटिलेटर पर हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर शोक जताया।
मोदी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात कर हादसे की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हादसे के बारे में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात कर जानकारी ली।
मुख्यमंत्री शर्मा, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा तथा गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम घटनास्थल पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की विस्तृत जांच करवाई जाएगी और घायलों के इलाज की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
अधिकारियों ने बताया कि हादसा तड़के करीब पौने छह बजे हुआ।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसके बाद आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और वहां से गुजर रही एक बस सहित अनेक ट्रक, कार आगी की चपेट में आ गए।
घटना से जुड़े एक वीडियो में लोग जान बचाने के लिए भागते नजर आए और शुरुआत में स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें एक किलोमीटर दूर से नजर आ रही थीं और राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा ‘आग के गोले’ में तब्दील हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में कम से कम 31 वाहनों के जलने की सूचना है, जिनमें 29 ट्रक तथा दो बस शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, आशंका है कि संभवत: अचानक आग की चपेट में आने से कुछ लोग अपने वाहनों से बाहर नहीं निकल पाए और उनके अंदर ही झुलस गए।
पुलिस के मुताबिक, सभी वाहनों की गहन जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि घायलों में से करीब आधे लोगों की हालत ‘बेहद गंभीर’ है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री खींवसर एसएमएस अस्पताल पहुंचे, जहां झुलसे हुए लोगों को भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों व चिकित्सकों से बात की और उचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया और पुलिस अधिकारियों से भी बात की।
घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत ही दर्दनाक घटना है। मैं अस्पताल जाकर आया हूं। मैंने वहां उचित व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। हम घटना की विस्तृत जांच करवाएंगे। घायलों के इलाज की व्यवस्था करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हादसों को किस तरह से रोका जाए इस पर भी सरकार निश्चित रूप से विचार करेगी। प्रशासन पूरी तरह से बचाव कार्य में लगा हुआ है।’’
इस दौरान उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, जिलाधिकारी जितेंद्र सोनी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
शर्मा ने बाद में राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये तथा घायलों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए अनुग्रह राशि की घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा गया, ‘‘स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायल को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।’’ अधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी ने हादसे के बारे में मुख्यमंत्री शर्मा से बात भी की।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘इस (हादसे के) संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात हुई। स्थानीय प्रशासन घायलों को तुरंत उपचार प्रदान करने का काम कर रहा है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘जयपुर में सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु प्रार्थना करती हूं। उनके परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं! मेरी प्रार्थना है कि घायल हुए लोग शीघ्र ही स्वस्थ हों।’’
स्वास्थ्य मंत्री खींवसर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थिति को संभालने के लिए सभी चिकित्सकों, रेजिडेंट चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को बुलाया गया। मरीजों के उपचार के लिए एक और वार्ड खोला गया है। कुछ लोगों को नजदीकी अस्पतालों में प्राथमिक उपचार दिया गया है।’’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुर्घटना स्थल से एसएमएस अस्पताल तक ‘‘ग्रीन कॉरिडोर’’ बनाया गया है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘राजसमंद से जयपुर आ रही एक निजी स्लीपर बस दुर्घटना के समय गैस टैंकर के पीछे थी। बस में सवार यात्रियों के बारे में जानकारी जुटाने के प्रयास जारी हैं। जले हुए वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाया जा रहा है ताकि यातायात बहाल हो सके।’’
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,वसुंधरा राजे ने हादसे पर शोक जताया है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस व भाजपा के कई विधायक भी अस्पताल पहुंचे।
जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया, ‘‘एलपीजी टैंकर से एक ट्रक टकरा गया। इससे टैंकर के पीछे का नोजल टूट गई और गैस लीक हो गई, जिससे भीषण आग लग गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टैंकर के पीछे के वाहनों में आग लग गई। दूसरे ओर से आ रहे अन्य वाहन भी इसकी चपेट में आ गए। अचानक हुई घटना के कारण वाहन आपस में टकरा गए।’’ जोसेफ ने कहा, ‘‘गैस लीक होने के कारण इलाका ‘‘गैस चैंबर’’ जैसा बन गया। आग बहुत तेजी से फैल गई, जिससे वाहनों के अंदर बैठे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।’’
भांकरोटा थाना के प्रभारी मनीष गुप्ता ने बताया कि शुरुआत में आग पर काबू पाना मुश्किल था।
उन्होंने बताया, ‘‘शुरू में दमकल की टीम जल रहे वाहनों तक नहीं पहुंच पाईं। इलाके में तीन पेट्रोल पंप हैं, लेकिन राहत की बात है कि उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।’’
गुप्ता ने बताया कि यह घटना एक निजी स्कूल के सामने की है और पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 25 से अधिक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘प्राथमिक सूचना पर मानसरोवर दमकल केंद्र से कुछ गाड़ियां मौके पर पहुंचीं लेकिन बाद में अन्य केंद्रों से भी पानी की गाड़ियां भेजी गईं।’’
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की एक टीम भी घटना की जांच करने के लिए मौके पर पहुंची।
अधिकारियों ने बताया कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों की ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पाइप बनाने वाली एक फैक्टरी भी तबाह हो गई और पाइप पिघल गए हैं।
हादसे में राष्ट्रीय राजमार्ग का करीब 300 मीटर का हिस्सा प्रभावित हुआ, जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई।
एक स्कूल वैन चालक ने बताया कि आग की लपटें एक किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं और वहां अफरातफरी मची हुई थी।
पीड़ितों के परिजनों की मदद के लिए जिला प्रशासन की एक टीम अस्पताल में मौजूद है।
जयपुर पुलिस ने दुर्घटना में घायलों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।