चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर गतिरोध खत्म, भारत और पाकिस्तान अपने मैच तटस्थ स्थल पर खेलेंगे
दुबई, 19 दिसंबर (भाषा) चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर तनातनी आखिरकार गुरुवार को खत्म हो गई जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने घोषणा की कि भारत 50 ओवर के इस टूर्नामेंट में अपने मैच मेजबान देश पाकिस्तान के बजाय किसी तटस्थ स्थल पर खेलेगा।
वहीं पाकिस्तान के लिए भी 2027 तक यही व्यवस्था लागू होगी और वह भारत में होने वाले टूर्नामेंट तटस्थ स्थलों पर खेलेगा।
यह समझौता 2028 में पाकिस्तान में होने वाले महिला टी20 विश्व कप पर भी लागू होगा। हालांकि अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन भारत के चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होने की संभावना है।
आईसीसी का बयान पीटीआई द्वारा पांच दिसंबर को दी गई खबर की पुष्टि करता है। आईसीसी के अनुसार, ‘‘आईसीसी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है कि 2024 से 2027 तक मौजूदा चक्र (जो भारत या पाकिस्तान में आयोजित किए जाने हैं) के दौरान आईसीसी टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले सभी मैच टूर्नामेंट के मेजबान द्वारा प्रस्तावित तटस्थ स्थल पर खेले जाएंगे। ’’
यह व्यवस्था चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (पाकिस्तान), अगले साल भारत में होने वाले महिला क्रिकेट विश्व कप और 2026 में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 विश्व कप में लागू होगी।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत के चैंपियंस ट्रॉफी के मैच संभवतः यूएई में खेले जाएंगे। जहां तक भारत में महिला वनडे विश्व कप का सवाल है तो भारत और पाकिस्तान के मैच श्रीलंका में हो सकते हैं। ’’
भारत ने सुरक्षा चिंताओं के कारण फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया था। भारतीय खिलाड़ियों ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में कोई मैच नहीं खेला है जिसमें 150 लोग मारे गए थे। दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय टूर्नामेंट 2012 में हुआ था।
पाकिस्तान की यात्रा के लिए भी भारत सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है जो अपने फैसले पर अडिग है।
आईसीसी ने कहा, ‘‘आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का कार्यक्रम जल्द ही घोषित किया जाएगा। ’’
यह फैसला अपेक्षा के अनुरूप था क्योंकि खेल की संचालन संस्था ने अध्यक्ष ग्रेग बार्कले के नेतृत्व के दौरान इस विवादास्पद मामले पर लंबे समय तक चुप्पी बनाए रखी थी।
जय शाह ने उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद एक दिसंबर को कार्यभार संभाला। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और प्रसारकों सहित सभी हितधारकों के पास 50 ओवर के टूर्नामेंट के आयोजन के लिए समय कम होता जा रहा था जिससे इस पर फैसला करना जरूरी था। पिछली बार यह टूर्नामेंट 2017 में ब्रिटेन में खेला गया था।
बृहस्पतिवार की घोषणा का मतलब है कि यह शाह के कार्यकाल में लिया गया पहला बड़ा फैसला था।
बीसीसीआई का रुख हमेशा ही स्पष्ट रहा है लेकिन पीसीबी के तटस्थ स्थानों की ‘एकतरफा’ व्यवस्था को अनुमति देने से इनकार करने के कारण मामला लंबा खिंच गया। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के नेतृत्व में पीसीबी स्थानीय जनता के सामने अपनी प्रतिष्ठा नहीं खोना चाहता था।
पीसीबी ने पिछले साल वनडे विश्व कप के लिए अपनी टीम भारत भेजी थी। उसने स्पष्ट तौर पर ‘हाइब्रिड मॉडल’ का विरोध किया था लेकिन अंततः पारस्परिक आधार पर इस पर सहमत हो गया।
पीसीबी ने पहले संकेत दिया था कि वह ‘हाइब्रिड मॉडल’ की भारतीय मांग को पूरा करने के लिए वार्षिक राजस्व चक्र में अधिक हिस्सा चाहता है लेकिन अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इस पर चर्चा हुई है या इसे स्वीकार किया गया है।
टूर्नामेंट में आठ टीमें होंगी जिन्हें दो ग्रुप में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी।