एआईएफ का 20 प्रतिशत निवेश वित्तीय नियमों को दरकिनार कर किया गया: सेबी सदस्य

एआईएफ का 20 प्रतिशत निवेश वित्तीय नियमों को दरकिनार कर किया गया: सेबी सदस्य

मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने मंगलवार को कहा कि वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) की तरफ से करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश वित्तीय विनियमनों को दरकिनार करके किया गया है।

नारायण ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एआईएफ निवेश के दौरान गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के वर्गीकरण जैसे मौजूदा वित्तीय विनियमनों को दरकिनार किया गया है।

सेबी ने जनवरी में जारी एक परामर्श पत्र में 30,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का अनुमान जताया था। इस साल भारतीय रिजर्व बैंक ने भी ऐसी चिंताओं के कारण बैंकों के एआईएफ निवेश के खिलाफ सख्ती बरती है।

नारायण ने वैकल्पिक निवेश कोषों पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘एआईएफ के 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से करीब एक लाख करोड़ रुपये का निवेश नियामकीय मंशा के लिहाज से संदिग्ध रहा है।’’

उन्होंने कहा, "एआईएफ निवेश का 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होना कोई छोटा आंकड़ा नहीं है। और इतनी मात्रा की तो हमें जानकारी है।"

उन्होंने कहा कि एआईएफ में निवेश के दौरान आरबीआई के एनपीए मानकों, दिवाला कानून, दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान से संबंधित मानकों और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत आने वाले मानकों को भी दरकिनार करने की कोशिश की गई है।

नारायण ने कहा कि सेबी इस पर काबू पाने के उपाय कर रहा है, जिसमें उद्योग पर आचार संहिता लागू करना शामिल है।