'मुगल-ए-आजम' में युवा सलीम का किरदार निभा सकते थे जाकिर हुसैन

'मुगल-ए-आजम' में युवा सलीम का किरदार निभा सकते थे जाकिर हुसैन

नयी दिल्ली (भाषा) तबला वादक जाकिर हुसैन ने जब पहली बार सार्वजनिक रूप से मंच पर प्रस्तुति दी थी तब उनकी उम्र महज सात साल थी। लगभग उसी समय उनकी मुलाकात ‘मुगल-ए-आजम’ के सेट पर निर्देशक के. आसिफ से हुई थी जो कि युवा राजकुमार सलीम की भूमिका के लिए लगभग ऑडिशन जैसा था। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था।

जाकिर के पिता, महान तबला वादक अल्लाह रक्खा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उनका बेटा संगीतकार बनेगा।

इसके बाद जो हुआ वह इतिहास है और जाकिर हुसैन संगीत जगत के सबसे कुशल तबला वादकों में से एक बने तथा अपने पिता की भविष्यवाणी को सच साबित किया।

प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। परिवार ने एक बयान में कहा कि हुसैन की मृत्यु फेफड़े संबंधी समस्या ‘‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’’ से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुई। वह 73 वर्ष के थे।

जाकिर हुसैन ने नसरीन मुन्नी कबीर की पुस्तक ‘जाकिर हुसैन: ए लाइफ इन म्यूजिक’ में फिल्मों के साथ अपने शुरुआती जुड़ाव को याद करते हुए यह रोचक जानकारी साझा की।

पुस्तक में जाकिर के हवाले से कहा गया, ‘‘क्या मैंने आपको बताया कि मैंने मुगल-ए-आजम में युवा राजकुमार सलीम की भूमिका के लिए ऑडिशन दिया था? ’’

फिल्मकार के. आसिफ और अल्लाह रक्खा एक-दूसरे को जानते थे और दोनों ही मोहन स्टूडियो में नियमित रूप से आते थे। अल्लाह रक्खा स्टूडियो के वेतनभोगी थे जबकि आसिफ “जब प्यार किया तो डरना क्या” गीत के लिए प्रसिद्ध 'शीश महल' सेट बनाने में व्यस्त थे। आसिफ को भव्य सेट के प्रति जुनून के लिए जाना जाता था।

जाकिर ने किताब में इस किस्से का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘अब्बा के दोस्त शौकत मुझे एक दिन मोहन स्टूडियो ले गए। शौकत अब नहीं रहे। मेरे पिता के लिए काम करने के अलावा, वे फिल्मों में भी काम करते थे। शौकत मुझे आसिफ साहब से मिलाने ले गए क्योंकि उन्होंने अब्बा से मुझे वहां भेजने के लिए कहा था। मुझे याद है कि वह शीश महल के सेट पर फिल्म बना रहे थे और मैं वहां दिलीप कुमार साहब से मिला। दिलीप कुमार ने मेरी तरफ देखा, अपने हाथों से मेरे चेहरे को ढक लिया और मेरी ठुड्डी को ऊपर उठाया ताकि वो मुझे करीब से देख सके। वो शौकत की तरफ मुड़े और बोले, ‘आसिफ के पास ले जाना’।’’

इससे पहले कि आसिफ कुछ कह पाते अल्लाह रक्खा का मन बदल गया और उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, यह अभिनेता नहीं बनेगा, ये संगीत के क्षेत्र में जाएगा और संगीतकार बनेगा।’’

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