संभल के मंदिर को खोले जाने के बाद उसके कुंए से मिली तीन क्षतिग्रस्त मूर्तियां
संभल (उप्र), 16 दिसंबर (भाषा) संभल जिले में 46 वर्षों तक बंद रहने के बाद पिछले सप्ताह खोले गये भस्म शंकर मंदिर के कुएं में तीन खंडित मूर्तियां मिली हैं। अधिकारियों ने सोमवार यह जानकारी दी।
श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को पुनः खोल दिया गया था, जब अधिकारियों ने कहा था कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था।
मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित था। यह 1978 से बंद था। मंदिर के पास एक कुआं भी है जिसे अधिकारियों ने फिर से खोलने की योजना बनाई थी।
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने पत्रकारों से कहा,‘‘ प्राचीन मंदिर और जो कुआं हमें मिला है, उसकी खुदाई की जा रही है।’’
पेंसिया ने कहा, ‘‘करीब 10 से 12 फीट खुदाई की गई है। इस दौरान आज सबसे पहले पार्वती जी की मूर्ति मिली, जिसका सिर टूटा हुआ मिला, फिर गणेश जी और मां लक्ष्मी जी की मूर्तियां मिलीं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या मूर्तियों को तोड़कर अंदर रखा गया था, उन्होंने कहा कि यह सब जांच का विषय है।
उन्होंने कहा,‘‘ मूर्तियां अंदर कैसे गईं? क्या हुआ और क्या नहीं हुआ, यह विस्तृत जांच के बाद पता चलेगा।’’
मंदिर के आसपास अतिक्रमण के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है, कुछ से अनुरोध किया गया है, आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और फिर नगरपालिका के माध्यम से इसे हटाया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा, उन्होंने कहा कि पहले मंदिर की प्राचीनता सुनिश्चित की जाएगी।
इससे पहले मौके पर मौजूद संजीव शर्मा ने बताया था कि कुंए में देवी लक्ष्मी की एक क्षतिग्रस्त मूर्ति मिली है। उनके अनुसार देवी पार्वती की भी एक मूर्ति मिली है।
सतेंद्र कुमार सिंह ने कहा था कि पार्वती की मूर्ति कुएं में 15-20 फुट की गहराई पर मिली।
यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में स्थित है, जो शाही जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है। इस मस्जिद में 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर किए गए सर्वे के दौरान विरोध प्रदर्शन होने पर हिंसा हुई थी।
जिला प्रशासन ने कुंए और मंदिर की ‘कार्बन डेटिंग’ के वास्ते भारतीय पुरात्व सर्वे को पत्र लिखा है।
‘कार्बन डेटिंग’ प्राचीन स्थलों से मिली पुरातात्विक कलाकृतियों के काल निर्धारण की एक प्रविधि है।
प्रशासन ने कहा कि भक्तों ने मंदिर में जाना शुरू कर दिया है और इसकी चौबीसों घंटे सुरक्षा की जा रही है।
पेंसिया ने कहा था, ‘‘यह कार्तिक महादेव का मंदिर है। यहां एक कुआं मिला है। यह अमृत कूप है। यहां सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। मंदिर में पूजा भी शुरू हो गई है। यहां अतिक्रमण है, जिसे हटाया जा रहा है।"
इसबीच संभल के 46 साल बाद खुले भस्मा शंकर मंदिर में रविवार देर शाम पूजा अर्चना करने आए भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह ने पत्रकारों से कहा,''46 साल बाद यह मंदिर खुलने से हमारे हिन्दू समाज में उत्साह है। आज मैंने आकर पूजा -पाठ किया और हनुमान चालीसा पढ़ा और उसके लिए मैं प्रशासन का धन्यवाद देना चाहूंगा ।''
उन्होंने कहा,''सम्भल का सच बाहर आना चाहिए। सम्भल का सच पूरे देश के सामने आना चाहिए कि कैसे संभल के हिंदुओं का पलायन हुआ, कैसे संभल के लोग यहां से जाने के लिए मजबूर हुए ।''
उन्होंने कहा कि यह मंदिर इस बात का बहुत बड़ा प्रमाण है क्योंकि जिस मोहल्ले में मंदिर होगा तो (आप) स्वयं ही हिसाब लगा सकते हैं उस मोहल्ले में हिंदू जरूर ही होंगे ।
उन्होंने कहा कि एक एक हिंदू का पलायन किस परिस्थिति में हुआ, यह सच पूरे देश के सामने आना चाहिए ।
सिंह ने कहा कि कश्मीर के पंडितों का दर्द सबने सुना है लेकिन अब सम्भल के हिंदुओं का दर्द भी सबके सामने आना चाहिए उस समय की भयावह तस्वीर सबके सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि उस समय मीडिया इतनी नहीं थी, साधन भी इतने नहीं थे ।
जिला अध्यक्ष ने कहा,''मै उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देना चाहूंगा । उनके नेतृत्व में प्रशासन ने निष्पक्ष रूप से काम किया ।’’
उन्होंने कहा,''मैं प्रशासन से यह मांग करता हूं कि मंदिर के आस पास जो भी अतिक्रमण है उसे हटवाया जाए और इस मंदिर में सुबह-शाम को विधिवत पूजा अर्चना की जाए ।''