देश में ईवी चार्जिंग ढांचे के लिए 2030 तक 16,000 करोड़ रुपये व्यय की जरूरतः रिपोर्ट

देश में ईवी चार्जिंग ढांचे के लिए 2030 तक 16,000 करोड़ रुपये व्यय की जरूरतः रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सार्वजनिक चार्जिंग ढांचे की बढ़ती मांग पूरा करने और वर्ष 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक ईवी की मौजूदगी का लक्ष्य हासिल करने के लिए 16,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की जरूरत है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान पेश किया गया है।

उद्योग मंडल फिक्की की ईवी चार्जिंग अवसंरचना पर जारी रिपोर्ट कहती है कि भारत में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए वर्तमान वित्तीय व्यवहार्यता दो प्रतिशत से कम उपयोग दरों के साथ नीचे बनी हुई है और इसे वर्ष 2030 तक 8-10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखना होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, निश्चित शुल्क के साथ बिजली शुल्क की मौजूदा लागत संरचना और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का कम इस्तेमाल होने से स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। हालांकि, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में कम या शून्य निश्चित शुल्क है लेकिन कई राज्यों में अधिक शुल्क होने से चार्जिंग स्टेशनों की व्यवहार्यता पर सवाल खड़े होते हैं।

रिपोर्ट में स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ स्थिति की तरफ भारत के बढ़ते कदम को आसान बनाने के लिए नीति निर्माताओं, ईवी कंपनियों और सरकारी निकायों सहित प्रमुख हितधारकों की तरफ से कदम उठाने का अनुरोध किया गया है।

इसमें सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए वित्तीय व्यवहार्यता, बिजली से संबंधित मुद्दे, जमीन की उपलब्धता, परिचालन से जुड़ी चुनौतियों और मानकीकरण के मुद्दों पर गौर करने की बात कही गई है। ईवी चार्जिंग सेवाओं के लिए जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का सुझाव भी दिया गया है।

रिपोर्ट में शीर्ष-40 शहरों और 20 राजमार्ग खंडों में सार्वजनिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए प्राथमिकता देने की मांग भी की गई है।