कमजोर वैश्विक रुख से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का

कमजोर वैश्विक रुख से शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का

मुंबई, 16 दिसंबर (भाषा) वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच सोमवार को स्थानीय शेयर बाजार में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 384 अंक से अधिक नीचे आ गया।

कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस सप्ताह नीतिगत दर पर निर्णय लेगा। इसको देखते हुए निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया जिससे वैश्विक बाजार में नरमी रही। इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा।

इसके अलावा, रुपये में गिरावट और चीन में कमजोर आर्थिक आंकड़ों के बीच धातु तथा आईटी शेयरों में बिकवाली दबाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 384.55 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,748.57 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 581.84 अंक तक लुढ़क गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 100.05 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,668.25 अंक पर बंद हुआ।

मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार पर एशियाई और यूरोपीय बाजारों का असर पड़ा और इनमें गिरावट आई। निवेशकों को इस सप्ताह जारी होने वाले एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) बैठक के नतीजे का इंतजार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, नीतिगत दर में कटौती होनी है, लेकिन चीन में कमजोर आर्थिक आंकड़ों और डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख देशों पर आयात शुल्क लगाने के फैसले से पहले निवेशकों में भरोसे की कमी है।’’

तापसे ने कहा कि इस सप्ताह पांच आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के सूचीबद्ध होने तथा तथा सात नये आईपीओ के खुलने से प्राथमिक बाजार में गतिविधियां तेज हैं।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में से टाइटन, अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी ओर, लाभ में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

मझोली कंपनियों के शेयरों से जुड़ा बीएसई मिडकैप 0.73 प्रतिशत चढ़ गया, जबकि छोटी कंपनियों के शेयरों से संबंधित बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.47 प्रतिशत मजबूत हुआ।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘बाजार सीमित दायरे में रहा। वहीं मांग बढ़ने और 2025 में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद में रियल्टी क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ने और डॉलर में मजबूती से निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत निर्णय को लेकर सतर्क हैं।’’

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे।

इस बीच, खाद्य वस्तुओं के सस्ता होने से थोक मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर तीन महीने के निचले स्तर 1.89 प्रतिशत पर आ गयी। वहीं वस्तुओं का निर्यात नवंबर में 4.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32.11 अरब डॉलर रहा।

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सोमवार को नौ पैसे की गिरावट के साथ अबतक के सबसे निचले स्तर 84.89 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 2,335.32 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 843.16 अंक की तेजी आई थी जबकि एनएसई निफ्टी 219.60 अंक चढ़ा था।