गुजरात: मोरबी में 63 लाख रुपये की जबरन वसूली के आरोप में इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल पर मामला दर्ज

गुजरात: मोरबी में 63 लाख रुपये की जबरन वसूली के आरोप में इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल पर मामला दर्ज

मोरबी (गुजरात), 13 दिसंबर (भाषा) गुजरात के मोरबी जिले में अक्टूबर में एक पुलिस निरीक्षक और एक हेड कांस्टेबल पर नौ कारोबारियों को जुए के फर्जी मामले में फंसाकर उनसे 63 लाख रुपये की जबरन वसूली करने का मामला दर्ज किया गया था। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

घटना के वक्त आरोपी वाई. के. गोहिल टंकारा थाने के निरीक्षक थे। अधिकारी ने बताया कि गोहिल और सह-आरोपी हेड कांस्टेबल महिपतसिंह सोलंकी को पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया गया था।

एसएमसी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के. टी. कमारिया ने कहा, ‘‘राज्य निगरानी प्रकोष्ठ द्वारा आंतरिक जांच में उनके खिलाफ आरोपों में सच्चाई पाए जाने के बाद निरीक्षक आर. जी. खाट की शिकायत पर बुधवार को उन पर मामला दर्ज किया गया। उन्हें अभी गिरफ्तार किया जाना है।’’

प्राथमिकी के अनुसार, गोहिल और सोलंकी ने 26 अक्टूबर को टंकारा में एक रिसॉर्ट पर छापा मारा और मोरबी एवं राजकोट के नौ लोगों को ताश खेलते हुए पाया।

प्राथमिकी में कहा गया है कि नौ लोग नकदी का उपयोग करके जुआ नहीं खेल रहे थे, फिर भी गोहिल ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्डिंग शुरू कर दी और उन्हें जुआ मामले में फंसाने की धमकी दी तथा वीडियो को मीडिया के साथ साझा करने की भी धमकी दी।

प्राथमिकी के अनुसार, गोहिल ने मामला दर्ज नहीं करने के एवज में उनसे 15 लाख रुपये की मांग की और अंत में 12 लाख रुपये पर समझौता हुआ, जिसे उसने सोलंकी को मोरबी राजमार्ग पर एक व्यक्ति से लेने के लिए कहा।

प्राथमिकी में कहा गया है कि पैसे लेने के बावजूद, वह नौ लोगों को टंकारा थाने ले गया और उन्हें हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद उसने मीडियाकर्मियों के आने से पहले उन्हें जमानत दिलाने के नाम पर प्रत्येक से छह-छह लाख रुपये मांगे। उसने प्राथमिकी में गलत प्रविष्टियां कीं, उनके फोन लौटा दिए और प्रेस नोट जारी नहीं किया।

प्राथमिकी के अनुसार इन नौ लोगों ने 51 लाख लाख रुपये नकद का भुगतान किया और गोहिल ने अगले दिन कुछ नामों में बदलाव कर प्रेस विज्ञप्ति जारी की।

प्राथमिकी के अनुसार, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने चार दिसंबर को एसएमसी को निर्देश दिया था कि कथित गड़बड़ी के बारे में समाचार पत्रों में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद इस मामले की जांच की जाए।

गोहिल और सोलंकी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 199 (लोक सेवक द्वारा कानून के तहत निर्देश की अवहेलना), 233 (झूठे साक्ष्य का उपयोग करना), 228 (झूठे साक्ष्य गढ़ना), 201 (लोक सेवक द्वारा चोट पहुंचाने के इरादे से गलत दस्तावेज तैयार करना), 336 (जालसाजी) और 308 (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराएं भी लगाई गई हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की ऑटो जनरेटेड न्यूज फिड से सीधे ली गई है और लोकतेज टीम ने इसमें कोई संपादकीय फेरबदल नहीं किया है।)

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