पर्वतरोहियों को सैटेलाइट फोन रखने की अनुमति देने पर गृह और पर्यटन मंत्रालय कर रहा विचार

पर्वतरोहियों को सैटेलाइट फोन रखने की अनुमति देने पर गृह और पर्यटन मंत्रालय कर रहा विचार

श्रीनगर, 11 दिसंबर (भाषा)कश्मीर घाटी के जिन इलाकों में दूरसंचार नेटवर्क नहीं हैं वहां पर पर्वतारोहण करने जाने वाले पर्यटकों को सैटेलाइट फोन रखने की अनुमति देने पर केंद्रीय गृह और पर्यटन मंत्रालयों के बीच विचार विमर्श किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन निदेशक राजा याकूब फारूक ने बुधवार को यह जानकारी दी।

फारूक ने यहां अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘पर्यटन मंत्रालय पहले ही विभिन्न राज्यों की ओर से गृह मंत्रालय के समक्ष यह मुद्दा उठा चुका है, क्योंकि पर्यटक वहां (राज्य में) जाते हैं, लेकिन उस स्थान पर नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता है, इसलिए सैटेलाइट फोन की अनुमति दी जानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस विषय पर गृह मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के बीच चर्चा अंतिम चरण में है।’’

फारूक ने कहा कि पर्वतारोहण घाटी में पर्यटन का एक अहम हिस्सा है और विभाग ने पर्वतारोहण के लिए 75 नए मार्ग चिन्हित किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ शुरू हो चुके हैं, जैसे कश्मीर ग्रेट लेक्स (ट्रेक), जो हमारा सबसे पसंदीदा पर्वतारोहण मार्ग है। इसके अलावा गुलमर्ग और तरसर मार्सर पर्वतारोहण मार्ग भी शुरू किए गए हैं। हम इनका मानचित्रण करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

फारूक ने आंकड़े दिए बिना कहा कि इस वर्ष कश्मीर में सर्वाधिक तादाद में विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ रोजाना यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं और प्रतिदिन 200-300 से अधिक विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। कभी-कभी यह संख्या 500 तक भी पहुंच जाती है, जबकि अभी तक कम वर्षा या बर्फबारी की स्थिति बनी हुई है। पिछले वर्ष अमरनाथ यात्रियों को छोड़कर 23 लाख पर्यटक कश्मीर आए थे और हमें उम्मीद है कि इस वर्ष यह रिकॉर्ड टूट जाएगा।’’

फारूक ने नए रोमांचक खेलों के बारे में कहा कि विभाग ने इस साल गुरेज में राफ्टिंग शुरू की है।

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