व्यवसायी संजय भंडारी ने ब्रिटेन उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की
(अदिति खन्ना)
लंदन, 11 दिसंबर (भाषा) भारत में कर चोरी और धनशोधन के आरोप में वांछित व्यवसायी एवं रक्षा क्षेत्र में सलाहकार संजय भंडारी ने अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ लंदन के उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।
भंडारी (62) ने इस साल की शुरुआत में अपने प्रत्यर्पण को मंजूरी देने वाले नवंबर 2022 के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति हासिल की थी।
न्यायाधीश टिमोथी होलरॉयड और न्यायाधीश कैरन स्टेन ने ‘रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ में वकील जेम्स स्टैंसफेल्ड और एडवर्ड फिट्ज़गेराल्ड की ओर से दायर अपील के तीन मुख्य आधारों पर सुनवाई शुरू की।
भारतीय प्राधिकारियों की ओर से उपस्थित ‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) सुनवाई के दौरान दलीलों का जवाब देंगे, जिसका प्रतिनिधित्व बैरिस्टर बेन कीथ और एलेक्स डू सौटॉय करेंगे।
उसने मंगलवार को न्यायाधीशों के समक्ष अनुरोध किया कि अगले कुछ दिनों के लिए वीडियो लिंक तैयार करने की अनुमति दी जाए, ताकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत से कार्यवाही पर नजर रख सके।
फिट्जगेराल्ड ने दिल्ली की तिहाड़ जेल के संदर्भ में अपनी दलीलों के दौरान दावा किया, ‘‘कैदियों और जेल अधिकारियों की ओर से हिंसा या जबरन वसूली का खतरा है।’’ भंडारी को प्रत्यर्पित किए जाने की स्थिति में उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा।
ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने पिछले साल प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। भंडारी ने अपनी कंपनी ‘ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस’ के माध्यम से भारतीय सरकारी अनुबंधों के लिए बोली लगाने वाले रक्षा निर्माताओं को परामर्श सेवाएं प्रदान की थीं। भंडारी ने जिला न्यायाधीश माइकल स्नो के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का अनुरोध किया था।