फोटोकॉपी कराने निकले थे विजय गायकवाड़; क्या पता था अब कभी घर नहीं लौट पाएंगे

फोटोकॉपी कराने निकले थे विजय गायकवाड़; क्या पता था अब कभी घर नहीं लौट पाएंगे

मुंबई, 10 दिसंबर (भाषा) रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी 70 वर्षीय विजय गायकवाड़ जब घर से फोटोकॉपी कराने निकले थे तो उन्हें दूर दूर तक अंदेशा नहीं था कि अब वे कभी घर नहीं लौट पाएंगे। घरवालों से वह कहकर निकले थे कि पास की दुकान पर कुछ कागजों की फोटोकॉपी कराने जा रहा हूं। परिजनों के साथ उनकी यह आखिरी बातचीत थी।

गायकवाड़ ने हाल में घुटने बदलवाने की सर्जरी कराई थी। वह उन सात लोगों में शामिल थे, जिन्हें सोमवार रात कुर्ला (पश्चिम) में एसजी बारवे रोड पर बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बस ने कुचल दिया।

यह घटना रात करीब 9.30 बजे भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई, जब चालक ने बस पर नियंत्रण खो दिया था।

गायकवाड़ कुर्ला (पश्चिम) के ब्राह्मणवाड़ी इलाके में रहते थे, जो उस जगह के करीब है जहां यह घटना हई थी। हादसे में 42 अन्य लोग भी घायल हुए हैं।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी एक दुकानदार ने बताया कि बेस्ट की बस ने सबसे पहले गायकवाड़ को टक्कर मारी, उसके बाद बस अन्य लोगों को कुचलती चली गई।

गायकवाड़ के परिवार के सदस्यों के अनुसार, वह रेलवे में वरिष्ठ तकनीशियन के रूप में काम करते थे और लगभग 10 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी प्रमिला, बेटा तुषार और बेटी दर्शना हैं।

उन्होंने बताया कि हाल में उनके घुटने की सर्जरी हुई थी, क्योंकि वह चल-फिर नहीं पा रहे थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि घटना के दिन उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि वह कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी कराने के लिए पास की एक दुकान पर जा रहे हैं।

बाद में उनकी पत्नी को उनके मोबाइल नंबर से किसी व्यक्ति ने कॉल करके उन्हें भाभा अस्पताल आने के लिए कहा। साथ ही, यह भी कहा कि उनके पति को वहां भर्ती कराया गया है। परिवार के सदस्य अस्पताल पहुंचे और उन्हें घटना की जानकारी दी गई।

गायकवाड़ की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

पुलिस ने बेस्ट बस के चालक संजय मोरे (54) को गैर इरादतन हत्या और गैर इरादतन हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसे मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया जिसने उसे 21 दिसंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया।

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