सूरत के आईनॉक्स राज इम्पीरियल मल्टीप्लेक्स ने रचा इतिहास: 48 घंटे नॉन-स्टॉप 'पुष्पा: द रूल पार्ट 2' का प्रदर्शन

सूरत के आईनॉक्स राज इम्पीरियल मल्टीप्लेक्स ने रचा इतिहास: 48 घंटे नॉन-स्टॉप 'पुष्पा: द रूल पार्ट 2' का प्रदर्शन

सूरत, 9 दिसंबर – सूरत के आईनॉक्स राज इम्पीरियल मल्टीप्लेक्स ने भारतीय सिनेमा इतिहास में एक अनोखी उपलब्धि दर्ज करते हुए 48 घंटे लगातार 'पुष्पा: द रूल पार्ट 2' का प्रदर्शन किया। मल्टीप्लेक्स की सभी छह स्क्रीन पर यह फिल्म बिना किसी रुकावट के शनिवार सुबह से सोमवार सुबह तक दिखाई गई। यह उपलब्धि भारतीय फिल्म प्रदर्शनी के इतिहास में अब तक का पहला ऐसा उदाहरण है।

पहली बार 48 घंटे लगातार शो
आईनॉक्स राज इम्पीरियल ने 'पुष्पा 2' के लिए शनिवार और रविवार को पूरे 48 घंटे तक लगातार शो चलाने का निर्णय लिया। मल्टीप्लेक्स की सभी छह स्क्रीन पर एक के बाद एक शो दिखाए गए, और इस दौरान एक भी अंतराल नहीं रखा गया। यह ऐतिहासिक कदम भारतीय सिनेमा प्रदर्शनी के इतिहास में अपनी तरह का पहला प्रयास है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक ही फिल्म के शो लगातार 48 घंटे तक बिना रुके, सभी स्क्रीन पर आयोजित किए गए हों।

पुष्पा: द रूल पार्ट 2
'पुष्पा: द रूल पार्ट 2' में अल्लू अर्जुन ने अपने यादगार किरदार 'पुष्पा राज' के रूप में वापसी की है। फिल्म में रश्मिका मंदाना और फहाद फासिल ने भी अपनी दमदार भूमिकाएं निभाई हैं। देवी श्री प्रसाद के संगीत और निर्देशक सुकुमार की कहानी ने इसे एक पूर्ण मनोरंजक अनुभव बना दिया है।

पहली फिल्म 'पुष्पा: द राइज' की जबरदस्त सफलता के बाद, इस सीक्वल ने दर्शकों के बीच उत्साह की नई लहर पैदा की है। फिल्म के डायलॉग्स, गाने और अल्लू अर्जुन का स्टाइल पहले से ही दर्शकों के दिलों में घर कर चुका है।

सूरत का मल्टीप्लेक्स बना चर्चा का केंद्र
इस ऐतिहासिक कदम ने सूरत के आईनॉक्स राज इम्पीरियल को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया है। 48 घंटे तक लगातार शो आयोजित करने का उनका निर्णय न केवल फिल्म प्रेमियों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि भारतीय सिनेमा प्रदर्शनी के लिए एक प्रेरणा भी बन गया है।

 

रिकॉर्ड तोड़ कलेक्शन की उम्मीद
फिल्म ने अपने पहले दिन ही रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। जानकारों का मानना है कि 'पुष्पा 2' आने वाले दिनों में कई और रिकॉर्ड तोड़ेगी। फिल्म का जादू अल्लू अर्जुन के इस डायलॉग में बखूबी झलकता है, "पुष्पा नाम सुनके फूल समझे क्या? फायर है मैं!"

सिनेमा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने सूरत को एक बार फिर से सिनेमा प्रेमियों के लिए चर्चा का केंद्र बना दिया है। आईनॉक्स राज इम्पीरियल का यह कदम सिनेमा के जादू और इसके दर्शकों के प्रति उनके समर्पण का एक बेहतरीन उदाहरण है।