सीयूईटी-यूजी, स्नातकोत्तर में 2025 में बदलाव की संभावना, संशोधित मानदंड जल्द : यूजीसी प्रमुख
(गुंजन शर्मा)
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में विशेषज्ञ समिति की समीक्षा के बाद 2025 के संस्करण में कई बदलाव होने की संभावना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी।
यूजीसी ने सीयूईटी-यूजी और पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बीते वर्षों में मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सीयूईटी देने वाले छात्रों के लिए बेहतर, अधिक कुशल और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए परीक्षा प्रक्रिया में निरंतर सुधार करना भी आवश्यक है। इसी भावना से यूजीसी ने 2025 के लिए सीयूईटी-यूजी और सीयूईटी-पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने इसकी संरचना, प्रश्नपत्रों की संख्या, परीक्षा की अवधि, पाठ्यक्रम और परिचालन संचालन से जुड़ी आवश्यकता जैसी परीक्षा के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया है। आयोग ने हाल में एक बैठक में इन सिफारिशों पर विचार किया।’’
यूजीसी प्रमुख ने बताया कि आयोग जल्द सीयूईटी-यूजी और सीयूईटी-पीजी 2025 आयोजित करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों का विवरण देते हुए एक मसौदा प्रस्ताव जारी करेगा, जिसमें छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और संस्थानों से प्रतिक्रिया एवं सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
वर्ष 2022 में परीक्षा के पहले संस्करण में सीयूईटी-यूजी तकनीकी गड़बड़ियों से ग्रस्त था। साथ ही, एक विषय के लिए कई शिफ्ट में परीक्षा आयोजित किए जाने के कारण परिणामों की घोषणा के दौरान अंकों का सामान्यीकरण करना पड़ा।
परीक्षा 2024 में पहली बार ‘हाइब्रिड मोड’ में आयोजित की गई थी। हालांकि, इसे ‘लॉजिस्टिक’ कारणों का हवाला देते हुए आयोजित होने से एक रात पहले दिल्ली भर में रद्द कर दिया गया था।