दिल्ली पुलिस ने 2,500 किलोमीटर तक पीछा करके हैदराबाद में तस्कर को पकड़ा
नयी दिल्ली (भाषा) दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय युवाओं की तस्करी करके उन्हें साइबर धोखाधड़ी से जुड़े फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर करने में कथित रूप से शामिल एक व्यक्ति को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने दावा किया कि लगातार 2,500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) मनोज सी ने कहा, “2,500 किलोमीटर की लंबी दूरी तक पीछा करने के बाद हैदराबाद से कामरान हैदर उर्फ जैदी को गिरफ्तार किया गया।”
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने जैदी की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर दो लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था।
पुलिस के अनुसार, 27 मई को नरेश लखावत नामक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में एक मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने कहा था कि वह नौकरी की तलाश कर रहे थे, इस दौरान उन्हें अली इंटरनेशनल सर्विस के बारे में पता चला, जो कथित तौर पर नयी दिल्ली में स्थित एक ‘कंसल्टेंसी फर्म’ है।
डीसीपी ने कहा, "कंपनी ने उन्हें थाईलैंड और लाओस में नौकरी की पेशकश की और अंततः थाईलैंड भेज दिया। लेकिन जब वह वहां पहुंचे, तो उनका पासपोर्ट छीन लिया गया और उन्हें एक चीनी कंपनी के लिए काम करने को मजबूर किया गया, जो भारतीय लोगों से ऑनलाइन धोखाधड़ी करती थी।"
मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई।
एनआईए द्वारा की गई जांच में मंजूर आलम, साहिल, आशीष, पवन यादव और हैदर की पहचान मुख्य साजिशकर्ताओं के रूप में हुई।
अधिकारी ने कहा कि ये पांचों संवेदनशील भारतीय युवाओं की लाओस के गोल्डन ट्रायंगल क्षेत्र में तस्करी करने में शामिल थे, जहां उन्हें यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर साइबर घोटाले करने के लिए मजबूर किया जाता था।
वे अली इंटरनेशनल सर्विसेज के माध्यम से काम करते थे।
डीसीपी ने कहा, "मुख्य आरोपी की पहचान कामरान हैदर के रूप में हुई। कामरान हैदर फरार हो गया और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। वह थाईलैंड और लाओस जाने की कोशिश कर रहा था।"
फरार होने के बाद हैदर लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना ठिकाना बदलता रहा।
पुलिस ने कहा कि उसे पकड़ने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में टीमें तैनात थीं।
डीसीपी ने कहा, "जैदी हैदराबाद, तेलंगाना में था। विशेष प्रकोष्ठ की दो अलग-अलग टीमों को तुरंत हैदराबाद भेजा गया। टीम ने बिना आराम किए 2,500 किलोमीटर की लंबी दूरी तक पीछा करने के बाद सात दिसंबर को उसे पकड़ लिया गया।
उन्होंने कहा, “उसे ठिकाना बदलने की कोशिश करते समय नामपल्ली रेलवे स्टेशन, हैदराबाद, तेलंगाना के पास पकड़ लिया गया।”