देश के हितों के लिए सैन्य ही नहीं, विशेषज्ञों की ‘सिविलियन आर्मी’ की भी जरूरत: न्यायमूर्ति सूर्यकांत
गांधीनगर, आठ दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सूर्यकांत ने रविवार को यहां कहा कि ‘‘आर्थिक, राजनीतिक, कानून के शासन और सुशासन’’ के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे राष्ट्र को न केवल ‘‘सेना’’ की आवश्यकता है, बल्कि विशेषज्ञों की एक ‘‘सिविलियन आर्मी’’ की भी आवश्यकता है, जो देश के अंदर और बाहर दोनों जगह इसके हितों की लगन और बुद्धिमत्ता से देखभाल करे।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में विधि छात्रों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के समापन सत्र को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि विधि का क्षेत्र ‘‘पूर्णता’’ नहीं बल्कि दृढ़ता, जिज्ञासा और निष्पक्षता एवं समानता के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करता है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘आर्थिक, राजनीतिक, लोकतांत्रिक, विधि-सम्मत शासन और सुशासन की दृष्टि से आगे बढ़ रहे राष्ट्र को न केवल सेना की आवश्यकता है, बल्कि सैन्य गुणों से युक्त सादे कपड़े में रहने वाले विशेषज्ञों की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे आप विधि स्नातक हों, आपराधिक कानून या अंतरराष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ हों, चाहे आप प्रोफेसर हों या वैज्ञानिक या इंजीनियर हों, या किसी अन्य जिम्मेदार पद पर हों, आप उस नागरिक सेना का हिस्सा बन जाते हैं जो बहुत सावधानी से, बुद्धिमानी से और लगन से राष्ट्र के भीतर एवं बाहर हितों की देखभाल करती है।’’