महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है: योगी आदित्यनाथ

महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है: योगी आदित्यनाथ

प्रयागराज, सात दिसंबर (भाषा) महाकुम्भ 2025 की औपचारिक शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी प्रयागराज यात्रा से पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण किया।

मेला क्षेत्र में सभी 13 अखाड़ों के साधु संतों और तीर्थ पुरोहितों के साथ भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है, सरकार और प्रशासन तो बस आयोजन की सहयोगी है। आज वैश्विक पटल पर यदि सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है तो यह संतों की कृपा से ही हो पा रहा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “13 दिसंबर को प्रयागराज में प्रधानमंत्री मोदी जी का आगमन प्रस्तावित है। वह संगम का पूजन करेंगे, साथ ही महाकुम्भ के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इस विशेष अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दंडीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा और तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों से उपस्थिति होने का आग्रह करता हूं।

साधु संतों ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि योगी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो महाकुम्भ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद करके उनकी समस्याओं/सुझावों को सुन रहे हैं।

सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी ने प्रयागराज नगर निगम द्वारा नैनी के अरैल में बनवाए जा रहे शिवालय पार्क का शनिवार को निरीक्षण किया और इस पार्क का निर्माण समय से पूरा करने का निर्देश दिया।

शिवालय पार्क महादेव को समर्पित एक भव्य स्थल है, जो भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा और कारीगरी को दर्शाता है। ग्यारह एकड़ क्षेत्र में फैला यह पार्क विविधताओं से भरपूर है, जिसका निर्माण 14 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किए गए इस पार्क में ज्यादातर अपशिष्ट सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। इस पार्क में लोगों को सोमनाथ मंदिर, मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, ओकारेश्वर मंदिर, बैद्यनाथ मंदिर, भीमाशंकर मंदिर, रामनाथस्वामी मंदिर, नागेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, त्र्यंबकेश्वर मंदिर, केदारनाथ मंदिर, और घृष्णेश्वर मंदिर एक ही जगह देखने को मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने अरैल में ही परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के साथ नवनिर्मित परमार्थ त्रिवेणी पुष्प का भ्रमण किया। परमार्थ त्रिवेणी पुष्प का प्रमुख आकर्षण श्रीराम मंदिर की दिव्य प्रतिकृति है जिसे इस तरह से निर्मित किया गया है कि यह अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के भव्य स्वरूप का दर्शन कराती है।

योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान, मेला क्षेत्र में 250 बिस्तरों की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा, “महाकुम्भ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है और कड़ाके की ठंड में तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों पर समय बिताते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब होने की आशंका रहती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है।”

मुख्यमंत्री ने इस दौरान सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ अधिकारियों की बैठक ली और विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अलोपीबाग के पास बने नवनिर्मित फ्लाईओवर का भी निरीक्षण किया।

अपने प्रयागराज भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड स्थित पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को संबोधित किया और नैनी में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट और एसटीपी का निरीक्षण किया।