बाल्की ने फिल्म उद्योग की स्थिति पर चिंता जताई

बाल्की ने फिल्म उद्योग की स्थिति पर चिंता जताई

कोलकाता, सात दिसंबर (भाषा) जाने-माने निर्देशक आर. बाल्की ने फिल्म उद्योग की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अधिकतर फिल्म निर्माताओं के अवचेतन मन में यह भावना है कि उद्योग ‘‘खतरे’’ में है।

बाल्की ने यहां 30वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में वार्षिक ‘सत्यजीत रे स्मृति व्याख्यान’ को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर ‘‘सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम हो रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर फिल्म निर्माताओं के अवचेतन मन में यह भावना है कि फिल्म उद्योग खतरे में है। सब कुछ भ्रष्ट हो गया है और सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या कम हो रही है। इतनी फिल्मों में से शायद चार-पांच फिल्में ही पैसा कमा रही हैं लेकिन इससे स्थिति को सुधारने में कोई मदद नहीं मिल रही।’’

‘चीनी कम’, ‘पा’ और ‘पैडमैन’ जैसी फिल्मों के निर्माता ने कहा, ‘‘हमने पहले कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया... सिनेमा के बिना, मेरे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है लेकिन जब सिनेमा खुद संघर्ष कर रहा हो, तो चीजों को जारी रखना मुश्किल हो जाता है।’’

बाल्की ने ‘शोले’ जैसी 70 के दशक की फिल्मों या 20 साल पहले बनी ‘कुछ कुछ होता है’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम अब ऐसी मनोरंजक फिल्में नहीं बनाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बाहुबली उनकी आखिरी ब्लॉकबस्टर थी। बाल्की ने कहा, ‘‘कुछ अच्छी फिल्मों को छोड़कर, बाकी सभी बेकार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारी बेकार फिल्में देखी जा रही हैं, बहुत सारी खूबसूरत फिल्में नहीं देखी जा रही।’’

बाल्की ने कहा कि दिखावटीपन का सहारा लेने के लिए कहानी कहने और उसे दिखाने में ईमानदारी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ओटीटी और रील में भी संख्या ने गुणवत्ता को पीछे छोड़ दिया है क्योंकि ‘‘हमारे पास जरूरत से अतिरिक्त सामग्री है।’’

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