मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्रियों ने विधायक के रूप में शपथ ली, विपक्ष ने समारोह का बहिष्कार किया
मुंबई, सात दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दो दिन बाद शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ विधायक के रूप में शपथ ली, जबकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए समारोह का बहिष्कार किया।
विपक्षी सदस्यों ने सदन के तीन दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने से इनकार कर दिया और उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भारी जनादेश और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने फडणवीस, शिंदे और पवार को विधायक के तौर पर शपथ दिलाई।
उनसे पहले, चैनसुख संचेती और जयकुमार रावल (दोनों भाजपा), माणिकराव कोकाटे (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और आशीष जायसवाल (शिवसेना) ने शपथ ली। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्हें प्रोटेम स्पीकर पैनल के सदस्य के रूप में नियुक्त किया। इन चारों ने शनिवार को सदन के सदस्य के रूप में सबसे पहले शपथ ली।
नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य विधानमंडल के निचले सदन के सदस्य के रूप में छठी बार शपथ ली। वह पहली बार 1999 में विधायक चुने गए थे।
जब ‘प्रोटेम स्पीकर’ ने फडणवीस का नाम पुकारा, तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया। कुछ सदस्यों ने ‘‘जय श्री राम’’ और ‘‘जय भवानी, जय शिवाजी’’ के नारे लगाए।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इसी तरह के नारों के बीच शपथ ली। भाजपा के आशीष शेलार, गिरीश महाजन और रवींद्र चव्हाण ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी के सदस्यों ने ‘एकच (केवल एक) दादा, अजित दादा’ के नारे लगाए। बारामती विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पवार पहली बार 1991 में विधायक चुने गए थे। अजित पवार ने लाल रंग का पारंपरिक ‘फेटा’ (पगड़ी) बांध रखा था।
समारोह के बहिष्कार को लेकर विधान भवन के परिसर में शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘‘एमवीए ने पहले दिन सदन के सदस्य के रूप में शपथ नहीं लेने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई सरकार इतने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आती है, तो जश्न मनाया जाता है। सवाल उठता है कि उसे जो जनादेश मिला है, वह जनता ने दिया है या ईवीएम और भारत निर्वाचन आयोग ने।’’
उन्होंने कहा कि विपक्ष सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मरकडवाडी गांव में कर्फ्यू और गिरफ्तारियों का भी विरोध कर रहा है, जहां ग्रामीण मतपत्रों के जरिए ‘‘दोबारा चुनाव’’ कराने की मांग कर रहे हैं।
ठाकरे ने कहा, ‘‘हम शपथ नहीं ले रहे हैं, लोगों के मन में जो शंकाएं हैं, उन पर संज्ञान ले रहे हैं।’’
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को हुए चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए, जिसमें भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) वाले गठबंधन महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर शानदार जीत हासिल की।
एमवीए केवल 46 सीट जीतने में सफल रही, जिसमें शिवसेना (उबाठा) को 20, कांग्रेस को 16 और राकांपा (एसपी) को 10 सीट मिलीं।
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, आदित्य ठाकरे को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री फडणवीस से हाथ मिलाते देखा गया।
इस बीच, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वल्से-पाटिल, राहुल नार्वेकर, पूर्व उपसभापति नरहरि झिरवाल, राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, भाजपा नेता विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन ने भी विधायक के रूप में शपथ ली।
महाजन ने संस्कृत में शपथ ली। पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने सातवीं बार विधायक के तौर पर शपथ ली है।
राकांपा नेता हसन मुश्रीफ ने अल्लाह का नाम लेकर शपथ ली।
समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अबू आसिम आजमी को भी पद की शपथ दिलाई गई। राकांपा विधायकों ने गुलाबी रंग के पटका पहने हुए थे।
अजित पवार द्वारा पहनी गई गुलाबी जैकेट राजनीतिक हलकों और आम लोगों में चर्चा का विषय बन गई है। इसे महिला मतदाताओं के बीच अपनी पैठ जमाने के पवार के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
शिवसेना विधायकों ने भगवा पटका पहन रखा था।
सदन में प्रवेश करने से पहले फडणवीस, शिंदे और पवार ने राज्य विधानसभा परिसर में छत्रपति शिवाजी को पुष्पांजलि अर्पित की।