सूरत : आढ़तिया कपड़ा ऐसोसिएशन सूरत की आज मासिक बोर्ड मीटिंग में छाया रहा बांग्लादेश का मुद्दा
हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार रोकने तथा व्यापारिक सुगमता को लेकर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम लिखा पत्र
आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत (AKAS) की दीपावली के बाद शुक्रवार को पहली मासिक बोर्ड मीटिंग आहूत की गई, जिसमें विशेष रूप से बांग्लादेश का मुद्दा छाया रहा। बांग्लादेश में हो रही घटनाओं से पूरा देश चिंतित है। पड़ोसी देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री सेख हसीना की तख्तापलट के बाद से ही कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं एवं हिन्दू मंदिरों को टारगेट कर रही है। बांग्लादेश में उठापटक से जहां एक ओर हिन्दू वर्ग प्रताड़ित हो रही है, वहीं व्यापारिक अस्थिरता से कोलकाता कपड़ा मंडी के व्यापारियों एवं सूरत के आढ़तियों का बड़े पैमाने पर रुपये भी फंसे हुए हैं। बांग्लादेश की स्थिति से सूरत के व्यापारी वर्ग में बांग्लादेश की सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हैं।
आढ़तिया कपड़ा ऐसोसिएशन सूरत ने बताया कि पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं पर अत्याचार के होने से सूरत के व्यापारी भाईयों और आढ़तियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया। वांग्लादेश में सर्जित घटना से सूरत के कपड़ा कारोबारियों को 550 करोड़ रुपया से अधिक फंस गया है, जिसमें कपड़ा व्यापारियों के साथ-साथ आढतियों का भी पैसा जाम होने से सभी तकलीफ की स्थिति में आ गए हैं। सभी प्रकार के लेन-देन रुक गये हैं। साथ ही हाल में दोनों ही तरफ (भारत-बांग्लादेश) के कपड़ा व्यापारी चिंतित हैं, क्योंकि माल बिकने के बाद ही कोई लेन देन हो पाता है। स्थिति ऐसी बनी हुई है कि कोई कारोबार ठीक से हो ही नहीं पा रही है।
पिछले डेढ़ साल से बांग्लादेश में उठापटक चल रही है, जिससे वहां की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। जिसका प्रभाव सूरत के कपड़ा व्यापार पर भी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सूरत से जो भी माल कोलकाता कपड़ा मंडी में जाता है, उसमें से तकरीबन आधा माल यानी 50 प्रतिशत माल कोलकाता के कपड़ा मंडी के व्यापारी बांग्लादेश भेज देते हैं। कोलकाता के कुछ व्यापारी बांग्लादेश से काम करते हैं। कोलकाता के व्यापारियों का पैसा बांग्लादेश में फंसने से कोलकाता के कपड़ा कोराबारी सूरत के व्यापारियों का पैसा भी नहीं चुकाते हैं। इस दहशत के माहौल में व्यापार मूल रूप से रुक गया है।
अतः आढ़तीया कपड़ा ऐसोसिएशन सूरत (AKAS) की बोर्ड मीटिंग में बांग्लादेश की स्थिति को लेकर रोष प्रकट किया गया। साथ ही सभी आढ़तियों की स्थितियों को समझने के बाद आगे की निर्णय पर विचार किया जाएगा। मीटिंग में सर्वानुमति से आढ़तिया कपड़ा ऐसोसिएशन सूरत (AKAS) द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेज दिया गया। जिसमें अपने व्यापारियों के हुए नुकसान का उल्लेख करने के साथ ही सभी प्रकार की जानकारी दी गई है। साथ ही पत्र के माध्यम से व्यापारियों को असुविधा से बाहर निकालने की गुजारिश की गई है।