विश्व शतरंज चैंपियनशिप: लगातार ड्रॉ के बाद गुकेश और लिरेन की नजर जीत के साथ बढ़त बनाने पर

विश्व शतरंज चैंपियनशिप: लगातार ड्रॉ के बाद गुकेश और लिरेन की नजर जीत के साथ बढ़त बनाने पर

सिंगापुर, छह दिसंबर (भाषा) लगातार छह ड्रॉ और कुछ मौके गंवाने के बाद तेजतर्रार चैलेंजर डी गुकेश और गत चैंपियन डिंग लिरेन शनिवार को यहां विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 10वीं बाजी में जीत के साथ बढ़त हासिल करने के लिए बेताब होंगे।

गुकेश ने जीत के कई मौके गंवाए लेकिन फायदे की स्थिति को जीत में नहीं बदल सके। इस 25 लाख डॉलर इनामी राशि वाली चैंपियनशिप में अब सिर्फ पांच और क्लासिकल बाजियां खेली जानी बाकी हैं और ऐसे में 18 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी शुक्रवार को एक दिन के आराम के बाद गतिरोध को तोड़कर महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करना चाहेगा।

बृहस्पतिवार को लगातार छठी बाजी और मुकाबले की कुल सातवीं बाजी थी जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने अंक बांटे। इस ड्रॉ के बाद दोनों खिलाड़ियों के समान 4.5 अंक हैं जो चैंपियनशिप जीतने के लिए जरूरी 7.5 अंक से तीन अंक कम हैं।

चीन के 32 वर्षीय लिरेन ने पहली बाजी जीती थी जबकि गुकेश तीसरी बाजी में विजयी रहे थे। बाकी सभी बाजियां ड्रॉ रही। अगर इतिहास की बात करें तो अगर आठ बाजियों के बाद स्कोर 4-4 से बराबर हो तो गत चैंपियन मैच जीत जाता है।

चेन्नई में जन्में भारतीय ग्रैंडमास्टर को पता है कि उन्हें अपने चीन के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बेजोड़ खेल दिखाना होगा जिन्हें मुश्किल समय में चतुराई भरी चाल चलने के लिए पहचाना जाता है।

विश्व के नंबर एक और पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने बिना किसी संकोच के कहा कि गुकेश के पास अधिक समय नहीं है।

कार्लसन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम आखिरकार उस लम्हे पर पहुंच गए हैं जब गुकेश अब इस मुकाबले में प्रबल दावेदार नहीं है, अब दोनों के पास 50 प्रतिशत मौका है।’’

यदि 14 दौर के बाद भी स्कोर बराबर रहता है तो विजेता का निर्धारण करने के लिए ‘फास्टर टाइम कंट्रोल’ का सहारा लिया जाएगा और कहा जाता है कि छोटे प्रारूप की बाजियों में लिरेन बेहतर स्थिति में रहते हैं।

हाल ही में शतरंज ओलंपियाड में भारत की पहली खिताबी जीत के सूत्रधारों में से एक गुकेश ने बृहस्पतिवार को नौवीं बाजी ड्रॉ होने के बाद कहा था कि वह महत्वपूर्ण क्षणों में अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि किसी समय जब मैं सही चीजें करूंगा तो मुझे विश्वास है कि परिणाम आएंगे।’’

विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे कम उम्र के दावेदार गुकेश ने मैराथन सातवीं बाजी में अच्छी स्थिति में होने के बाद मौका गंवाया और ड्रॉ खेला जिसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उन्होंने हालांकि आठवीं बाजी में मनोबल को कम नहीं होने दिया। गुकेश ने इस बाजी में शुरू में ड्रॉ को अस्वीकार कर दिया और इस तरह उन्होंने हर कीमत पर जीतने का इरादा दिखाया।

नौवीं बाजी में भारतीय खिलाड़ी को अपनी 20वीं चाल पर कुछ दबाव बनाने का मौका मिला लेकिन लिरेन ने उन्हें चौंका दिया।

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