महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने वाहनों पर एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने की समयसीमा 31 मार्च तय की

महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने वाहनों पर एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने की समयसीमा 31 मार्च तय की

मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र में अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत दो करोड़ से अधिक वाहनों के मालिकों को जुर्माने से बचने के लिए अगले चार महीनों में अपनी गाड़ी पर उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी) लगानी होगी।

महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने वाहनों में एचएसआरपी लगाने के लिए 31 मार्च 2025 की समय सीमा तय की है और इस कार्य के लिए लंबी निविदा प्रक्रिया पूरी करने के बाद तीन एजेंसियों को नियुक्त किया है।

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की नयी सरकार के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले बुधवार को अधिकारियों ने नयी पंजीकरण प्लेट के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की।

वाहनों की चोरियों पर अंकुश लगाने और वाहन पहचान चिह्नों में एकरूपता लाने के मकसद से अप्रैल 2019 से पहले महाराष्ट्र में पंजीकृत वाहनों के लिए इन नंबर ‘प्लेट’ को लगाना अनिवार्य किया गया और इन्हें लगाने का दायित्व निर्माताओं पर था।

‘एल्युमीनियम’ की मिश्र धातु से निर्मित एचएसआरपी में एक ‘रेट्रो-रिफ्लेक्टिव फिल्म’ पर सत्यापन चिह्न ‘इंडिया’ अंकित होता है और ‘क्रोमियम’ से अशोक चक्र का चिन्ह, नीले रंग में ‘हॉट-स्टैंप्ड अक्षर से आईएनडी तथा विशिष्ट 10 अंकों की ‘लेजर-ब्रांडिंग’ होती है।

प्रवर्तन प्राधिकारी (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और पुलिस) मार्च 2025 की समय-सीमा समाप्त होने के बाद मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 177 के तहत गैर-अनुपालन के लिए संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं और जुर्माना भी लगा सकते है।

दो पहिया और ट्रेक्टर में एचएसआरपी 450 रुपये में लग सकेगी, जबकि तिपहिया वाहनों के लिए 500 रुपये और चार पहिया वाहन (कार, ट्रक, बस तथा अन्य वाहन) के लिए 745 रुपये दर तय है, इन दरों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शामिल नहीं है।

आरटीओ के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि विशिष्ट पहचान संख्या और पूर्वनिर्धारित सुरक्षा विशेषताओं के साथ नंबर प्लेट लगाने के लिए निर्धारित समय सीमा अव्यावहारिक है।

महाराष्ट्र मोटर वाहन विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त ने पुराने वाहनों पर एचएसआरपी लगाने के लिए एक हास्यास्पद और अव्यावहारिक समय सीमा तय की है। सिर्फ तीन एजेंसियों के लिए चार महीने से भी कम समय में दो करोड़ से अधिक वाहनों में एचएसआरपी लगाना कैसे संभव है?’’