संसद में सोरोस मुद्दे और नोट गड्डी मिलने पर हंगामा, दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित

संसद में सोरोस मुद्दे और नोट गड्डी मिलने पर हंगामा, दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) संसद में शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस से संबंध होने और उन पर देश की सरकार और संसद को अस्थिर करने के आरोपों और राज्यसभा में विपक्षी सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के समीप 500 रूपये के नोट की गड्डी मिलने को लेकर विपक्षी पार्टी पर हमला बोलते हुए हंगामा किया, जिसके कारण दोनों सदनों में कामकाज बाधित रहा।

हंगामे के कारण जहां लोकसभा को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजकर दस मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं राज्यसभा में भोजनावकाश से पहले का कामकाज लगभग सामान्य ढंग से चलने के बाद गैर सरकारी कामकाज नहीं हो पाया। भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बृहस्पतिवार को उच्च सदन में नोटों की गड्डी मिलने के मामले में कांग्रेस से जवाब मांगते हुए हंगामा कर रहे थे और इसके कारण बैठक को दोपहर दो बजकर चार मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने शून्यकाल में सदन को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम (तोड़फोड़ निरोधक दस्ता) को नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली।

सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंघवी ने राज्यसभा में उनकी सीट से ‘‘500 रुपये के नोटों की गड्डी मिलने’’ की बात पर हैरानी जताई और कहा कि इस तरह के मामलों पर राजनीति होना हास्यास्पद है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह सदन में जाते हैं तो उनके पास 500 रुपये का एक नोट होता है और अगर सुरक्षा से जुड़ा कोई विषय है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने भाजपा के निशिकांत दुबे द्वारा कल कांग्रेस एवं उसके नेता राहुल गांधी पर लगाये गये आरोपों से जुड़े विषय को उठाने का प्रयास किया, हालांकि आसन से इसकी अनुमति नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने भारी विरोध शुरू कर दिया।

बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन की मर्यादा और गरिमा बनाए रखने की अपील की। हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही शुरू होने के एक मिनट के भीतर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू हुई तो पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने निशिकांत दुबे को बोलने की अनुमति दी।

भाजपा सांसद दुबे ने शून्यकाल में कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से दस सवाल पूछना चाहते हैं। उन्होंने जॉर्ज सोरोस के एक एनजीओ से जुड़े व्यक्ति के राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस नेता ने सोरोस से पैसा लिया?

दुबे के बयानों पर कांग्रेस सदस्य आपत्ति जताने लगे और आसन के समीप आ गए।

हंगामा बढ़ने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने कार्यवाही करीब 12.10 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि दुबे ने बृहस्पतिवार को सदन में शून्यकाल के दौरान एक फ्रांसीसी संस्थान की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस पर विदेशी संस्थाओं ओसीसीआरपी, जीएसीसी और सोरोस फाउंडेशन के साथ मिलकर देश की संसद, सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, जिस पर भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।

राज्यसभा में शून्यकाल शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम (तोड़फोड़ निरोधक दस्ता) को नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली।

इसे लेकर कुछ देर सदन में हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक भी हुई।

धनखड़ ने सदन को अवगत कराया कि सीट संख्या 222 के पास मिली नोटों की गड्डी पर आज सुबह तक जब किसी ने दावा नहीं किया तो उन्होंने सदन की परिपाटी का पालन करते हुए इसकी जांच सुनिश्चित की।

उन्होंने कहा, ‘‘जांच चल रही है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नोट असली हैं या नकली।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा कर्तव्य था और मैं सदन को सूचित करने के लिए बाध्य हूं। यह एक नियमित एंटी सेबोटाज जांच है, जो करवायी जाती है।’’

धनखड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई इन नोटों पर दावा करेगा, लेकिन अभी तक किसी ने दावा नहीं किया है।

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक सदस्य के नाम को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था।

सभापति धनखड़ ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पता करवाया कि उक्त सदस्य बृहस्पतिवार को सदन में आए थे कि नहीं। उन्होंने पाया कि उक्त सदस्य ने हस्ताक्षर पुस्तिका (डिजिटल) पर हस्ताक्षर किए थे।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सभापति ने सीट संख्या और उस पर बैठने वाले सदस्य का उल्लेख किया है और इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

रीजीजू ने कहा, ‘‘आज डिजिटल जमाना है और कोई इतने सारे नोट लेकर नहीं चलता। इसकी जांच होनी चाहिए।’’

सदन के नेता जे पी नड्डा ने इसे असाधारण घटना बताया और कहा कि इसकी प्रकृति ‘बहुत गंभीर’ है।

उन्होंने विस्तृत जांच का भरोसा जताते हुए कहा कि ‘‘दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।’’

विपक्षी सदस्यों पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘कुछ मुद्दों पर आप उत्सुकता दिखाते हैं जबकि अन्य मुद्दों पर आप पर्दा डालना चाहते हैं।’’

खरगे ने इस पर आपत्ति जताई और पलटवार करते हुए कहा, ‘‘नड्डा जी क्यों कह रहे हैं कि हम मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं...हमने तो ऐसा कुछ नहीं किया। आप ऐसा करते हैं, हम ऐसा नहीं करते।’’

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है।

उच्च सदन में भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर शुक्रवार होने के कारण गैर सरकारी कामकाज होना था।

उप सभापति हरिवंश ने कहा कि आज सदन में निजी संकल्प पर विचार किया जाएगा। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य नोटों की गड्डी मिलने के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

उपसभापति ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल बहाव को अपना निजी संकल्प पेश करने को कहा। बहाव ने देश में न्यायिक अधिकारियों पर काम के भारी बोझ को कम करने से संबंधित एक प्रस्ताव को पेश करते हुए उसके बारे में कुछ बोलना शुरू किया।

हंगामे के कारण बहाव की बात सुनने में नहीं आ सकी। उपसभापति ने दोनों पक्षों के सदस्यों से शांति बनाये रखने और गैर सरकारी कामकाज चलने देने के लिए कहा। किंतु सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने अपराह्न दो बजकर चार मिनट पर बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।