मप्र: उच्च न्यायालय ने स्कूल बसों में जीपीएस प्रणाली और सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया
इंदौर, पांच दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में इंदौर में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की एक तेज रफ्तार बस हादसे में चार बच्चों की मौत को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर स्कूल बसों के परिचालन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों में स्कूल बसों में जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली व सीसीटीवी कैमरा लगाने और यातायात नियम तोड़ने वाले चालकों को काम पर नहीं रखा जाना जैसे निर्देश शामिल हैं।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी ने डीपीएस बस हादसे से जुड़ी छह जनहित याचिकाओं का बुधवार को निपटारा किया।
युगल पीठ ने रेखांकित किया कि सूबे में स्कूल बसों के परिचालन के लिए विशिष्ट नियम-कायदे नहीं हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक राज्य सरकार 1994 के मध्यप्रदेश मोटरयान नियमों में उचित बदलाव नहीं करती, तब तक अदालत निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, कोचिंग केंद्रों, खेल अकादमियों आदि की बसों में सफर करने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश तय कर रही है।
अदालत के दिशा-निर्देशों के मुताबिक हर स्कूल बस में जीपीएस ट्रैकिंग प्रणाली और सीसीटीवी कैमरा कैमरा लगाया जाएगा ताकि बच्चों के अभिभावक मोबइल ऐप की मदद से इस वाहन पर नजर रख सकें।
दिशा-निर्देशों में यह बात भी शामिल है कि 12 साल से ज्यादा पुराने वाहन को स्कूल बस के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और हर स्कूल बस में गति नियंत्रक (स्पीड गवर्नर) लगाया जाएगा।
दिशा-निर्देशों में स्कूल बसों के चालकों के लिए भी कसौटियां तय कर दी गई हैं। इनमें कहा गया है कि ऐसे लोगों को स्कूल बस चलाने के काम पर नहीं रखा जाएगा जिन पर सड़क की ‘‘लेन’’ प्रणाली और यातायात सिग्नल के उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए एक वर्ष में दो से ज्यादा बार जुर्माना लगाया गया हो।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक जिस चालक का तेज गति से गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने सरीखे अपराधों के लिए एक बार भी चालान काटा गया हो, उसे स्कूल बस चलाने के काम पर नहीं रखा जाएगा तथा संबंधित शिक्षण संस्थान द्वारा वाहन चालक से इस संबंध में शपथपत्र लिया जाएगा। डीपीएस की तेज रफ्तार बस इंदौर के कनाड़िया क्षेत्र के बायपास रोड पर पांच जनवरी 2018 की शाम डिवाइडर फांदकर समानांतर लेन में जा घुसी थी और सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई थी। इस भीषण हादसे में छह से लेकर 13 वर्ष की आयु वाले चार स्कूली बच्चों के साथ बस चालक की मौत हो गई थी।