आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने आईटी, कपड़ा नीतियों को मंजूरी दी

आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने आईटी, कपड़ा नीतियों को मंजूरी दी

अमरावती, तीन दिसंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धा केंद्र, परिधान एवं वस्त्र तथा समुद्री सहित अन्य नीतियों को मंजूरी दे दी।

आंध्र प्रदेश के नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री पी नारायण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने राजधानी अमरावती में अनुमानित 11,000 करोड़ रुपये से अधिक के रुके हुए बुनियादी ढांचा कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित करने को मंजूरी दे दी है।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के पार्थसारथी ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और ‘वैश्विक प्रतिस्पर्धी केंद्र नीति 4.0’ 2024-29 को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत सुदूर, हाइब्रिड और सह-कार्यस्थल विकसित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा, “इसका उद्देश्य राज्य को आईटी केंद्र बनाना और शिक्षित युवाओं को रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराना है।”

मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित ‘आंध्र प्रदेश परिधान और वस्त्र नीति 4.0’ 2024-29 का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और दो लाख नौकरियां पैदा करना है।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत राज्य भर में पांच कपड़ा पार्क स्थापित किए जाएंगे, जो मानदंडों के आधार पर उद्यमियों को प्रोत्साहन देंगे।

मंत्री ने कहा, “अगले पांच वर्षों के दौरान नीति के तहत एक अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।”

मंत्रिमंडल ने ‘आंध्र प्रदेश टिकाऊ इलेक्ट्रिक परिवहन नीति 4.0’ को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य में 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है, जिससे 60,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

आंध्र प्रदेश समुद्री नीति 4.0 को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य राज्य में 975 किलोमीटर लंबी तटरेखा का उपयोग करना है। इसके तहत बंदरगाहों और बंदरगाह आधारित उद्योगों का विकास किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने राज्य में कई पेयजल परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। इसके अलावा सरकारी योजना के तहत अधूरे मकानों का निर्माण पूरा करने का निर्णय लिया।

नारायण ने कहा कि अमरावती में कार्यों के संबंध में सभी कानूनी और तकनीकी मुद्दे दूर कर लिए गए हैं और दिसंबर के अंत तक निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी और अगले महीने से कार्य शुरू हो जाएंगे।

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