सूरत : गुजरात के प्री-स्कूल संचालकों में असंतोष, नई नीति में विसंगतियों को लेकर सरकार से मांग
एनईपी और ईसीसीई के विपरीत नई नीति, प्री-स्कूलों के अस्तित्व पर खतरा
सूरत : गुजरात के प्री-स्कूल संचालक राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई पंजीकरण नीति को लेकर भारी विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि यह नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और शुरुआती बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के सिद्धांतों के विपरीत है और छोटे प्री-स्कूलों के अस्तित्व को खतरे में डाल सकती है।
गुजरात इंडिपेंडेंट प्री-स्कूल एसोसिएशन की कोर कमेटी ने नीति में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया है, जिनमें बीयूयू, पंजीकरण शुल्क, आधार डाइस, अग्नि सुरक्षा, 15 साल की लीज, किंडरगार्टन क्लास, यू डाइस जैसी शर्तें शामिल हैं। एसोसिएशन का मानना है कि ये शर्तें छोटे प्री-स्कूलों के लिए बहुत सख्त हैं और उन्हें पूरा करना मुश्किल होगा।
एसोसिएशन ने सरकार से इन विसंगतियों को दूर करने और एक ऐसी नीति बनाने की मांग की है जो एनईपी और ईसीसीई के सिद्धांतों के अनुरूप हो। एसोसिएशन का कहना है कि प्री-स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार को इन संस्थानों को बंद करने के बजाय उन्हें मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।