महाकुम्भ की टेंट सिटी में उपलब्ध होंगी सुपर डीलक्स होटल जैसी सुविधाएं

ऐप से ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग कर सकेंगे श्रद्धालु

महाकुम्भ की टेंट सिटी में उपलब्ध होंगी सुपर डीलक्स होटल जैसी सुविधाएं

प्रयागराज, दो दिसंबर (भाषा) प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर मेला क्षेत्र के सेक्टर-20 (अरैल) में दो हजार से ज्यादा स्विस कॉटेज (तंबू) स्थापित किए जा रहे हैं। तंबुओं में सुपर डीलक्स सरीखी सुविधाएं उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसटीडीसी) द्वारा स्थापित की जा रही हैं।

राज्य पर्यटन विकास निगम के एक अधिकारी ने बताया कि निगम छह साझेदारों के साथ मिलकर विभिन्न टेंट ब्लॉक की स्थापना कर रहा है जिसमें आगमन, कुम्भ कैंप इंडिया, ऋषिकुल कुम्भ कॉटेज, कुम्भ विलेज, कुम्भ कैनवस और एरा प्रमुख हैं।

उन्होंने बताया कि विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप इन तंबुओं में पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो सुपर डीलक्स टेंट विला, महाराजा, स्विस कॉटेज और डॉरमेटरी प्रारूप में उपलब्ध रहेंगी। इनका प्रतिदिन का किराया 1,500 रुपये से लेकर 35,000 रुपये के बीच होगा।

अधिकारी ने बताया कि महाकुम्भ मेले में देश-दुनिया से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आगमन को देखते हुए टेंट सिटी स्थापित की जा रही है। टेंट सिटी का संचालन एक जनवरी, 2025 से पांच मार्च, 2025 तक किया जाएगा। इनमें बुकिंग निगम की वेबसाइट और महाकुम्भ ऐप के जरिए की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि इन इकाइयों में ठहरने वाले मेहमानों को योग, सांस्कृतिक आयोजनों का आनंद मिलेगा और साथ ही उन्हें प्रयागराज से जुड़े अन्य प्रमुख स्थलों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

ऐप से ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग कर सकेंगे श्रद्धालु

मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों के चालक पूरी तरह से प्रशिक्षित होंगे और श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। मेला के दौरान पिंक टैक्सी की भी सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें महिलाएं चालक होंगी।

उन्होंने बताया कि महाकुम्भ से पहले इस तरह की पहल से श्रद्धालुओं को ना सिर्फ सुविधाजनक और सस्ती स्थानीय यात्रा सुविधा का लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल परिवहन को भी बल मिलेगा।

ऐप के जरिए बुकिंग सुविधा देने जा रही स्टार्टअप कंपनी कॉम्फी ई-मोबिलिटी की संस्थापक और निदेशक मनु गुप्ता ने बताया कि 15 दिसंबर से शुरू हो रही इस सेवा में श्रद्धालु स्थानीय सवारी के लिए ई वाहनों को चुन सकेंगे। खास बात यह है कि सभी चालकों को आगंतुकों से अच्छा व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिन श्रद्धालुओं को हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में संवाद करने में दिक्कत है, उनकी सुविधा के लिए सभी चालकों को गूगल वॉइस असिस्टेंस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह इलेक्ट्रिक वाहन रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा और सभी होटलों के आस-पास उपलब्ध रहेंगे। इसमें महिला चालक के साथ पिंक सेवा का भी प्रावधान है।

गुप्ता ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को किफायती दर पर स्थानीय यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किसी भी चालक से कमीशन नहीं लिया जाएगा। सुरक्षित यात्रा के लिए प्रत्येक चालक और वाहन मालिक का सत्यापन कराया गया है। तीन सौ ई-रिक्शा के साथ पूरे प्रयागराज में इसकी शुरुआत की जा रही है।

उन्होंने बताया कि कंपनी से अनुबंधित सभी ई-रिक्शा और ऑटो पर जीपीएस से नजर रखी जाएगी और किराया भी पूरी तरह से पारदर्शी होगा जिसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से निर्धारित किया गया है। किसी तरह की असुविधा होने पर श्रद्धालु कॉल सेंटर पर शिकायत कर सकेंगे।