गुकेश ने लिरेन से ड्रॉ खेला, पांच बाजियों के बाद दोनों बराबरी पर
सिंगापुर, 30 नवंबर (भाषा) भारतीय चैलेंजर डी गुकेश ने शनिवार को यहां सफेद मोहरों से खेलते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप की पांचवीं बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन से ड्रॉ खेला।
लगातार दूसरे ड्रॉ के बाद दोनों खिलाड़ियों के बराबर 2.5-2.5 अंक हो गए हैं। चैंपियनशिप जीतने के लिए उन्हें अभी भी पांच अंक हासिल करने होंगे।
दोनों खिलाड़ियों ने 40 चाल के बाद अंक बांटने के लिए हाथ मिलाये। यह तीसरा ड्रॉ मुकाबला रहा। 32 वर्षीय लिरेन ने पहली बाजी जीती थी। दोनों ने दूसरी और चौथी बाजी में अंक बांटे थे।
वहीं 18 वर्षीय गुकेश खिताब के लिए अब तक के सबसे कम उम्र के चैलेंजर हैं और उन्होंने बुधवार को तीसरी बाजी जीती थी।
गुकेश हाथी से एक आसान चाल चूक गये जिससे उनके लिए चीजें मुश्किल हो सकती था। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की लेकिन परेशानी में आने से बच गये।
उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे अपनी गलती अहसास हुआ, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ। मुझे नहीं पता था कि यह वास्तव में कितना बुरा था। मैंने गलती की, लेकिन मैं ड्रॉ कराने में सफल रहा। ’’
लिरेन ने 14वीं और 15वीं चाल चलने में काफी समय लिया। उन्होंने अच्छी चाल चली और गुकेश ने आक्रामकता दिखाई लेकिन इससे उनके लिए चीजें खराब हो गई और ड्रॉ साफ दिखने लगा। गुकेश ने बाजी के बाद कहा, ‘‘मैं एक बार में एक ही बाजी पर ध्यान लगा रहा हूं, अभी तक टूर्नामेंट आधा भी नहीं हुआ है, अभी कई महत्वपूर्ण बाजियां खेली जानी है। पहले मैच में हारने के बाद मैं अब जिस स्थिति में हूं, उससे खुश हूं। ’’
बाजी में उनकी गलती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह वैसे भी ड्रा हो सकता था। लेकिन मुझे नहीं पता कि यह गलती कैसे हुई। लेकिन मुझे लगता है कि इसके बाद मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और इस स्थिति में पहुंचा हूं। ’’
मैच में यह पहली दफा है कि अभी तक लिरेन को काले मोहरों से कोई परेशानी नहीं हुई। गुकेश ने फिर से शुरु में ‘किंग्स पॉन ओपनिंग (बादशाह के आगे वाले प्यादे की चाल से मुकाबला शुरू करना)’ का इस्तेमाल किया और मैच में दूसरी बार ‘फ्रेंच डिफेंस’ का सामना किया।
इसी ‘ओपनिंग’ से पहला गेम हारने के बाद गुकेश के लिए सावधानी बरतना अहम था और उन्होंने ‘एक्सचेंज वैरिएशन’ के लिए प्रयास किया लेकिन लिरेन इससे निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार थे।
लिरेन ने जल्द ही दिखाया कि काले मोहरों से इस ‘ओपनिंग’ से उन्हें रक्षण में कोई भी कठिनाई नहीं हुई।
इसके तुरंत बाद हाथी की चाल से गुकेश बराबरी में आ गए। लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपनी शैली के अनुसार असंतुलन स्थिति बनाने की कोशिश की।
लिरेन विपरीत रंग के ऊंट की चाल से समान अंक पर चले गये। इससे खेल के परिणाम के बारे में अब कोई संदेह नहीं था। लेकिन लिरेन ने प्यादे की चाल चली और इसे गंवा दिया और ऐसी स्थिति में पहुंचे जिसके बाद किसी भी खिलाड़ी को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिलती।
नियमों के अनुसार खिलाड़ियों को कम से कम 40 चाल पूरी करनी होती थीं और एक बार ऐसा होने के बाद खेल का परिणाम बदलने वाला कुछ नहीं हो सकता।