महाराष्ट्र में महायुति का परचम, झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव नतीजों ने भारतीय राजनीति का दिलचस्प परिदृश्य पेश किया। महाराष्ट्र में भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने महा विकास आघाडी (एमवीए) को करारी शिकस्त दी, वहीं झारखंड में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी।
महाराष्ट्र में भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 133 पर जीत या बढ़त हासिल की। शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और अजित पवार की राकांपा ने 41 सीटें जीतकर महायुति को कुल 231 सीटों पर विजयी बना दिया। विपक्षी एमवीए गठबंधन केवल 47 सीटों पर सिमट गया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस जीत का श्रेय कल्याणकारी योजनाओं, जैसे 'लाडकी बहन योजना', को दिया। उन्होंने कहा, "लोगों ने नफरत की राजनीति को खारिज कर विकास की राजनीति को चुना है।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को इस शानदार जीत के सूत्रधार के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर फडणवीस ने कहा, "महायुति के नेता मिलकर निर्णय लेंगे।"
झारखंड: ‘इंडिया’ गठबंधन का दबदबा
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। भाजपा केवल 21 सीटों पर सिमट गई। सोरेन की गिरफ्तारी से उपजी सहानुभूति और आदिवासी कार्ड ने झामुमो को फायदा पहुंचाया। भाजपा का ‘घुसपैठियों’ का मुद्दा इस क्षेत्र में असर नहीं दिखा पाया।
राजनीतिक विष्लेशकों का मानना है कि महाराष्ट्र में भाजपा की बड़ी जीत ने उसे अगले लोकसभा चुनावों के लिए मजबूत आधार दिया है। वहीं झारखंड में झामुमो गठबंधन की जीत ने यह दिखाया कि जनता से जुड़ाव और स्थानीय मुद्दों पर फोकस कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह विकास और सुशासन की जीत है। लोकतंत्र के प्रति जनता की निष्ठा को सलाम।"
यह चुनावी परिणाम न केवल राज्यों में सत्ता का संतुलन तय करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डालेंगे।