2030 तक कपड़ा क्षेत्र में आजीविका कमाने वालों की संख्या 6 करोड़ हो जायेगी!

वैश्विक वस्त्र प्रदर्शनी ‘भारत टेक्स 2025’ से पहले एक रोड शो में बोले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

2030 तक कपड़ा क्षेत्र में आजीविका कमाने वालों की संख्या 6 करोड़ हो जायेगी!

भारत में कपड़ा उद्योग, कृषि के बाद, रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कोलकाता में ‘भारत टेक्स 2025’ के रोड शो में यह बताया कि वर्तमान में 4.6 करोड़ लोग इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। 2014 से पहले की तुलना में यह संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
 
सिंह के अनुसार, 2030 तक इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या 6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि नवाचार और स्टार्ट-अप की बढ़ती संख्या ने कपड़ा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले देश में कोई स्टार्ट-अप नहीं था, जबकि अब 1.5 लाख से अधिक लोग इस क्षेत्र में सक्रिय हैं।
 
कपड़ा उद्योग की विविधता पर बात करते हुए सिंह ने कहा, “भारत जूट, प्राकृतिक फाइबर, शहतूत और टसर जैसे उत्पादों का प्रमुख स्रोत है। वैश्विक बाजार में उपलब्ध रेशम का अधिकांश उत्पादन भारत में होता है।” उन्होंने तकनीकी वस्त्रों की नई अवधारणा का भी उल्लेख किया, जो चिकित्सा क्षेत्र में सैनिटरी नैपकिन और मास्क जैसे उत्पादों के निर्माण में मददगार साबित हुई है।
 
कोलकाता को ‘वस्त्र उद्योग की जननी’ बताते हुए सिंह ने इस शहर के खोए गौरव को वापस लाने का वादा किया। उन्होंने बताया कि जूट क्षेत्र के पुनरुद्धार के लिए 12,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
 
केंद्रीय मंत्री ने गर्व से कहा कि भारत का कपड़ा उद्योग चीन को पीछे छोड़कर तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने भी ‘भारत टेक्स 2025’ को वैश्विक मंच पर भारत की संस्कृति और कपड़ा उद्योग को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सेतु बताया।
 
कपड़ा उद्योग भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ है। 'भारत टेक्स 2025' जैसे आयोजन न केवल रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देंगे, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के कपड़ा उद्योग की धाक जमाएंगे।
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