नई दिल्ली : इतिहास के पन्नों में 18 नवंबर, शेर की जगह राष्ट्रीय पशु बना बाघ

बाघों के संरक्षण की चिंता के साथ ही बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया

नई दिल्ली : इतिहास के पन्नों में 18 नवंबर, शेर की जगह राष्ट्रीय पशु बना बाघ

नई दिल्ली। राष्ट्रीय पशु के बारे में सोचते हुए जेहन में अक्सर शेर की तस्वीर उभरती है। सम्राट अशोक के शासनकाल में बनाए गए स्तंभों में शेर की आकृति ही अंकित मिलती है। इसलिए 9 जुलाई 1969 को शेर को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया।

हालांकि लंबे विचार-विमर्श के बाद 18 नवंबर 1972 को शेर की जगह बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया। कारण यह था कि शेर उस समय केवल गुजरात के गिर वन में पाए जाते थे लेकिन बाघ देश के 16 राज्यों में पाया जाता है।

हालांकि साल 1970 के आसपास बाघों की संख्या काफी कम होने लगी। व्यापक स्तर पर बाघों के शिकार के चलते उनकी संख्या में यह कमी आई। ऐसी स्थिति में बाघों के संरक्षण की चिंता करते हुए प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई। इसके साथ ही बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया।