सूरत : टेक्सटाईल मार्केटों में अभी भी बंद का माहौल, मात्र 35 प्रतिशत ही दुकानें खुलीं 

सोमवार 18 नवंबर से कपड़ा मार्केट एवं कपड़ा उद्योग से जुड़ी इकाइयां पूर्ववत होने की संभावना : प्रहलाद अग्रवाल 

सूरत : टेक्सटाईल मार्केटों में अभी भी बंद का माहौल, मात्र 35 प्रतिशत ही दुकानें खुलीं 

दीपावली वैकेशन के बाद लाभ पंचमी से रिंग रोड स्थित कपड़ा मार्केट सहित अनेक व्यापारिक प्रतिष्ठान शुरू हो गए हैं। परंतु सामान्य दिनों में मार्केट परिसर में जिस तरह कारोबार होता दिखाई देता है उस तरह व्यापार शुरू होने में अभी भी तकरीबन एक सप्ताह का समय लगेगा। कारण की कपड़ा दुकान में काम करने वाले अधिकांश स्टाफ, हमाली का काम करने वाले श्रमिक, साड़ियों में वैल्यू एडिशन का काम करने वाली महिलाएं तथा अनेक व्यापारी बंधु दीपावली की छुट्टी में अपने गांव अथवा घूमने के लिए बाहर गए हुए हैं, जो अभी तक वापस नहीं आए।

 आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत के प्रमुख प्रहलाद अग्रवाल ने बताया कि लाभ पंचमी के मुहूर्त करने के बाद से मार्केटों में मात्र 15 से 20 प्रतिशत ही दुकानें खुल रही थी, जिसमें व्यापारी वर्ग एक-दो घंटे कामकाज करने के पश्चात दोपहर के बाद दुकान मंगल कर देते हैं। हालांकि सोमवार 11 नवंबर से मार्केट में अधिकतर दुकानें खुलने की संभावना थी, परंतु कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने बताया कि सोमवार से मार्केटों तकरीबन 35 से 40 प्रतिशत दुकानें खुली रही। आगामी सप्ताह यानी 18 नवंबर से कपड़ा मार्केट एवं कपड़ा उद्योग से जुड़ी इकाइयां पूर्ववत शुरु होने की संभावना है। 

उन्होंने बताया कि कपड़ा मार्केट में छोटे से छोटे दुकान में भी 10 से 15 कर्मचारी काम करते हैं। जबकि बड़ी दुकानों की हाउसेस में 100 से भी अधिक कर्मचारी होते हैं, लेकिन अभी तक 20 से 25 प्रतिशत स्टाफ ही काम पर आ रहा है। कटिंग, फोल्डिंग्स, बॉक्स बनाने वाले एवं हमाली का काम करने वाले अधिकांश श्रमयोगी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान एवं महाराष्ट्र के होते हैं। दीपावली एवं छठ पूजा के बाद शादियों के शुरू हो जाने से कुछ श्रमिक  देर से वापस आ सकते हैं। इस तरह स्टाफ एवं श्रमिकों की कमी को लेकर अभी भी बड़ी संख्या में दुकानें नहीं खुल सकी है। 

आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत के प्रमुख ने बताया कि शादी-विवाह एवं मांगिलक प्रसंग शुरु होने से बाहर की मंडियों में कपड़ों की मांग होने से सूरत कपड़ा उद्योग में तेजी का माहौल है। इसलिए लंबे समय तक कोई भी व्यापारी अथवा कर्मचारी बाहर रहना नहीं चाहेगा, लेकिन यातायात में होने वाली परेशानी और टिकट न मिलने के कारण बाहर गये लोगों के आने में देर हो रही होगी।  

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