सूरत : उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण करने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न

श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों एवं पुलिस प्रशासन के प्रति जताया आभार

सूरत : उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण करने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न

लोक आस्था का महापर्व छठ उदयाचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण के साथ शुक्रवार को संपन्न हो गया। पूर्व में श्री छठ महा पर्व बिहरा एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रमुखता से मनाया जाता था। परंतु अब यह पर्व देश भर के प्रमुख शहरों के अलावा विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। इसी क्रम में सूरत शहर के विभिन्न क्षेत्रों इस्कान मंदिर के पास जहांगीरपुरा, वियरकम कोजवे, डभोली तापी तट पर तथा डिंडोली स्थित श्री छठ सरोवर, करडवा तालाब, भेस्तान तालाब, अमरोली आदि स्थलों पर मनाया जाता है। जहां आयोजकों के साथ महानगर पालिका एवं पुलिस प्रशासन का भी भरपूर सहयोग रहता है। डिंडोली श्री छठ सरोवर पर देर रात से ही भक्तों की भीड़ देखी गयी। सरोवर पर आयोजकों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। सरोवर के चारो तरफ घाटों पर हजारों की संख्या में छठ व्रती सूर्योदय होने के साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए तत्पर होकर प्रतीक्षारत रहे।

श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन राजेन्द्र उपाध्याय एवं प्रमुख गुलजारीलाल उपाध्याय ने श्री छठ महा पर्व में सहयोग प्रदान करने वाले महानगर पालिका के विविध विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों,पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों-पुलिसकर्मियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों, ट्रस्ट के सदस्यों सहित छठ पूजा में सहयोगी रहे सभी के प्रति आभार जताया। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के मनोज शुक्ला, इन्द्र मोहन झा, महेन्द्र तिवारी, विजय पांडेय, राजेश पांडे, ओमकार मिश्रा, सुबोध महतो, विजय उपाध्याय, शुभम उपाध्याय सहित सभी का सहयोग सराहनीय रहा।  

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उन्होंने कहा कि गुरुवार को महा पर्व का पहला अर्घ्य डूबते सूर्य अर्पण करने के बाद दूर दराज के व्रती परिजनों सहित सरोवर पर ही विश्राम किया। इस दरम्यान व्रतियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है। साथ ही पूजा स्थल पर धार्मिक वातावरण बनी रहे इसके लिए भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। रात के अंधेरे में लाइटिंग व्यवस्था के बीच टिमटिमाती दीयों की रोशनी से सरोवर जगमग हो रहा था। अहले सुबह चार बजे से ही छठ व्रत करने वाले व्रती पानी में उतर कर भगवान भास्कर के उगने का इंतजार करते दिखे और छठव्रती सूर्य की उपासना करते नजर आये। शुक्रवार को उदयाचलगामी भगवान भास्कर यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास को पूरा किया। इसी के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो गया। इससे पहले गुरुवार शाम को छठ व्रतियों ने अस्ताचल गामी यानी डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया था। 

चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है। भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद घाट पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने व्रतियों से ठेकुआ केला सहित अन्य प्रसाद ग्रहण किया। छठ पूजा के अवसर पर डिंडोली स्थित श्री छठ सरोवर पर भगवान भास्कर की प्रतिमा बनाकर धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर महिलाओं ने सिन्दूर से मांग भरकर अखंड सुहाग की कामना की। साथ ही परिवार समाज राष्ट्र एवं विश्व की मंगल कामना की गई।

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