अहमदाबाद : गुजरात में बिहार की महक: छठ पर्व ने जोड़ी दो सांस्कृतिक विरासतें : अरविंद सिंह
भाजपा नेता, हिंदी भाषी महासंघ के महासचिव और सिवान कबड्डी संघ के अध्यक्ष अरविंद सिंह बिहार से लौटकर अहमदाबाद में आयोजित छठ पूजा समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल का स्वागत शॉल पहनाकर किया और इस अवसर पर अपने भावनात्मक विचार साझा किए। श्री सिंह ने कहा कि छठ पूजा उत्तर भारत का एक अद्वितीय और महान पर्व है, जो समर्पण, अनुशासन और भक्ति का प्रतीक है। सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा न केवल ऊर्जा और जीवन का प्रतीक है, बल्कि यह पर्व हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने और आगे बढ़ाने का भी संदेश देता है।
अरविन्द सिंह ने यह भी बताया कि गुजरात में छठ पूजा का आयोजन तब शुरू किया था, जब नरेंद्र मोदी यहाँ के मुख्यमंत्री थे। उनकी दूरदर्शी सोच और समर्थन ने उत्तर भारतीय समुदाय को यहां छठ मनाने का विशेष अवसर प्रदान किया। श्री सिंह ने कहा, "छठी मैया और सूर्य देव के आशीर्वाद से आज नरेंद्र मोदी न केवल भारत के प्रधान सेवक बने हैं, बल्कि उन्होंने देश को पुनः विश्वगुरु बनाने की राह पर अग्रसर कर दिया है। गुजरात की प्रशंसा करते हुए श्री सिंह ने कहा, “गुजरात की सरकार और यहाँ के लोगों ने जिस आत्मीयता से उत्तर भारतीय समुदाय का स्वागत किया है, वह वास्तव में सराहनीय है। यहां की सरकार न केवल अपने नागरिकों की परंपराओं और संस्कृति का सम्मान करती है, बल्कि विभिन्न समुदायों के त्योहारों के आयोजन में भी पूरा सहयोग देती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व में गुजरात एक ऐसा राज्य बन गया है, जो देश की सांस्कृतिक विविधता को संजोने में अग्रणी है। यहां हमें हर संभव सुविधा और समर्थन मिलता है, जिससे हम अपने पर्व और त्योहार उसी श्रद्धा के साथ मना सकते हैं जैसे अपने घर में मनाते हैं।”
श्री सिंह ने इस आयोजन के लिए आदरणीय अध्यक्ष डॉ. महादेव झा का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “डॉ. महादेव झा जी एक 'वन मैन शो' हैं, जिनकी आयोजन और प्रबंधन (MAM) क्षमता अद्वितीय है। उनके नेतृत्व में हर साल छठ पूजा का आयोजन भव्यता और शांति के साथ किया जाता है। उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता और कुशल प्रबंधन ने इस पर्व को पूरे उत्तर भारतीय समुदाय के लिए एक महान उत्सव बना दिया है।”
श्री सिंह ने सभी उत्तर भारतीय भाइयों और बहनों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व हमें न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है, बल्कि सभी समुदायों के बीच एकता और प्रेम की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।