सूरत : 6 दिन के ब्रेन डेड बच्चे का अंगदान, नवजात ने दी चार लोगों को नई जिंदगी
देश में सबसे कम उम्र के अंगदान के मामले में जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन ट्रस्ट की एक और उपलब्धि
सूरत: सूरत शहर में एक दिल दहलाने वाली घटना के बीच एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है। महज 6 दिन के एक नवजात शिशु के ब्रेन डेड होने के बाद, उसके परिवार ने असाधारण साहस दिखाते हुए उसके पांच अंगों को दान करने का निर्णय लिया। इस अमूल्य उपहार से चार लोगों को नई जिंदगी मिली है।
राजकोट जिले के मूल निवासी मयूरभाई ठुम्मर का परिवार सूरत में वेलंजा स्थित सुखशांति सोसायटी में रहता है। 23 सितंबर को उनकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। अस्पताल के एनआईसीयू विभाग में इलाज के इस बीच में 27/09/2024 को डॉक्टरों द्वारा बच्चे को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। परिवार ने इस दुखद समय में भी मानवता का परिचय देते हुए बच्ची के लीवर, दोनों किडनी और दोनों आंखें दान करने का फैसला किया।
जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन ट्रस्ट के सहयोग से यह अंगदान संभव हो सका। ट्रस्ट ने परिवार को अंगदान के बारे में जानकारी दी और उन्हें इस कठिन निर्णय लेने में मदद की। गुजरात सरकार की सोटो संस्था के माध्यम से अंगों को विभिन्न अस्पतालों में आवंटीत कर गुजरात पुलिस के ग्रीन कोरिडोर और रेलवे पुलिस के माध्यम से पहुंचाया गया।
जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन ट्रस्ट के पीएम गोंडलिया और विपुल तडावीया यह देश में सबसे कम उम्र के अंगदान के मामलों में एक और उपलब्धि है। इससे पहले भी इस फाउंडेशन ने ऐसे कई मामले संभाले हैं। जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन के माध्यम से 100 घंटे का बाल अंगदान और 120 घंटे का बाल अंगदान भी किया था। आज तीसरा सबसे कम उम्र का अंगदान संभव हुआ है। अंगदान के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया और विभिन्न संगठनों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।