सूरत : भगवान की विस्मृति ही सभी दुःखों का कारण : स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज 

शिव की प्रेरणा से ही श्रीरामचरित मानस की रचना हुई

सूरत : भगवान की विस्मृति ही सभी दुःखों का कारण : स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज 

शहर के वेसू क्षेत्र में श्री श्याम अखंड ज्योत सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्री रामकथा के पांचवे दिन शनिवार को व्यासपीठ से जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने राज दरबार का सुंदर वर्णन और रामजी माहत्म्य और दशरथ- कैकेयी के संवाद को मार्मिकता से बताया। उन्होंने कहा कि शिव की प्रेरणा से ही श्रीरामचरित मानस की रचना हुई। राम ब्रम्ह है, वह सनातन नीत शाश्वत सत्ता है। वह सर्वेश्वर ब्रम्ह है। संपूर्ण प्राणियों में चैतन्य रूप से है। उसी एक ब्रम्ह का यह विस्तार है, कई रूपों में। राम भारत का शील, सौदर्य, माधुर्य और त्याग है। राम सत्य है, सनातन है, मंत्र है। उन्होंने कहा कि कहानियां, किस्से सूने जाते है, संसार की बाते सूनी जाती है, लेकिन कथा तो कानों से पी जाती है।

 कथा की महिमा बताते हुए कहा कि पाप, दोष, भूल हो गई हो तो कथा श्रद्धा से श्रवण करने से दूर हो जाती है। ब्रम्हनिष्ठ साधु के दर्शन से पुण्य मिलता है। श्रीराम कथा में राम को राजा बनाने की चर्चा के लिए भरे दरबार का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दशरथ हाथ जोड़कर खड़े हैं। सभी संत आ रहे हैं। सुमित्रा, कैकेयी ने अपने रत्न भंडार खोल दिए हैं। कौशल्या महादेव के पूजा अर्चना में बैठी है। उन्होंने अग्नि का महात्म्य बताते हुए कहा कि दीप परमात्मा का स्वरूप है। हमारे यहां अग्नि को साक्षी माना गया है। वह केवल विवाह संस्कार में ही नहीं है। केवल अपनी पवित्रता को सिद्ध करने के लिए अग्नि में प्रवेश करने के लिए नहीं है। ज्ञान, सत्य भी अग्नि है। अग्नि यानि उर्जा, चेतना शक्ति। इस लिए दीप जलाकर कौश्ल्या बैठी थी। 

महाराजजी ने कहा कि राम भारत की चेतना है, भारत का मंत्र है, भारत का भोर है, भारत के प्रभात का प्रथम स्वर है। आज भी गांवों में भोर में परस्पर एक दूसरे को राम राम कहते हैं। हमारे यहां तो अर्थी के साथ भी राम राम बोला जाता है। राम सरल, स्वभाविक, विनय, मृदृभाषी है। उन्होंने कहा कि सभी दुखों का एक ही कारण है भगवंत की विस्मृति। आत्म स्मृति आनंद का और विस्मृति दु:ख का कारण है। राम को राजा बनाने की योजना से देवता भयभीत हो जाते है, क्योंकि अगर राम राजा बन जाएंगे तो उनके संकल्प का क्या होगा। राक्षसों का कैसे संहार होगा। उधर राम को राजा बनते देख कैकेयी दु:खी होती है और दशरथ से दो वर मांगती है एक भरत को राजा बनाने का और दूसरा राम के लिए चौदह वर्ष वनवास। शनिवार को  रामरतन बेड़ियां, उमेश खेरारी, अनिल पंसारी, विमल चिराणिया, विशाल अग्रवाल को महाराज श्री ने प्रतीक चिन्ह देकर आशीर्वाद दिया। 

D28092024-08

गुरू दीक्षा एवं श्री श्याम भजन संध्या आज

आज (रविवार 29 सितंबर को) कथा स्थली पर साढ़े नौ बजे गुरू दीक्षा दी जाएगी। जिसको भी गुरू दीक्षा ग्रहण करनी है, उन्हें कथा स्थल पर नौ बजे पहुंचना होगा। साथ ही रात्रि 8 बजे से श्री श्याम भजन संध्या का कार्यक्रम होगा। जिसमें गायक संजू शर्मा और राकेश अग्रवाल भजनों की प्रस्तुति देंगे। 

 कथा स्थल से निकाली गई निशान यात्रा

आश्विन मास की बदी एकादशी शनिवार 28 सितंबर को सुबह 7.31 बजे बाबा की निशान यात्रा राम कथा स्थल ग्रीन वैली के सामने से निकाली गई। जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु हुए। बाबा श्यामजी के जयकारे लगताते निशान यात्रा श्री श्याम मंदिर सूरत पहुंची। और वहां बाबा श्यामजी को निशान अर्पण किए गए।

Tags: Surat