काठमांडू : भारत के सहयोग के बिना नेपाल के दो नए अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल का पूर्ण रूप से संचालन असंभव

भारत की तरफ से दोतरफा हवाई रूट नहीं मिलने तक नेपाल के पोखरा और भैरहवा विमानस्थल का पूर्ण संचालन नहीं हो सकता

काठमांडू : भारत के सहयोग के बिना नेपाल के दो नए अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल का पूर्ण रूप से संचालन असंभव

काठमांडू, 17 सितंबर (हि.स.)। भारत दौरे से लौट कर नेपाल के नागरिक उड्डययन मंत्री बद्री पाण्डे ने कहा है कि बिना भारत के सहयोग के नेपाल के दो नए अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल का पूर्ण रूप से संचालन नहीं हो सकता है। भारत में अपने समकक्ष मंत्री सहित विभिन्न संबंधी विभागों के साथ दिल्ली में हुई बैठक के बारे में जानकारी साझा करने के लिए मंत्री बद्री पाण्डे ने मंगलवार को पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया।

इस अवसर पर पाण्डे ने बताया कि दिल्ली में उनकी मुलाकात भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू सहित वहां के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई। उन्होंने कहा कि इन सभी मुलाकातों के दौरान नेपाल के दो नए अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल के संचालन में सहयोग का आग्रह किया गया था।

नेपाल की तरफ से इस समय दिए जाने वाले एक हवाई रूट के अलावा दो नए हवाई रूट की दो तरफा प्रयोग की मांग की गई है। मंत्री ने पत्रकार सम्मेलन में बताया कि भारत की तरफ से आने वाले सभी अंतराष्ट्रीय विमानों को सिर्फ सिमरा के एयररूट से ही नेपाल में लैंडिंग की इजाजत है। नेपाल की ओर से पोखरा और भैरहवा अंतराष्ट्रीय विमानस्थलाें के लिए भारत को महेन्द्रनगर और भैरहवा के एयर रूट के संचालन का आग्रह किया गया है।

उन्होंने बताया कि महेंद्रनगर के लिमा 626 और भैरहवा के ब्रावो 345 एयर रूट को दो तरफा प्रयोग करने दिया गया तो ही इन दो नए एयरपोर्ट का पूर्ण संचालन संभव है। इस समय नेपाल से बाहर जाने वाले विदेशी विमान को अपनी सुविधा के मुताबिक सिमरा के अलावा महेंद्रनगर और भैरहवा एयर रूट की अनुमति तो है पर लैंडिंग के समय नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं है, जिस कारण पोखरा और भैरहवा विमानस्थल पर बड़े विमानों का अवतरण थोड़ा मुश्किल और खर्चीला बनाता है।

नेपाल के मंत्री बद्री पाण्डे ने कहा कि भारतीय पक्ष से बातचीत में भैरहवा और पोखरा विमानस्थल पर लगे इंस्टुमेंटल लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को लेकर भी बातचीत हुई है। चीन की तरफ से बनाए गए इन दोनों विमानस्थल पर चीन द्वारा ही इस प्रणाली को लगाया गया है, जिसको लेकर भारत ने बहुत पहले ही आपत्ति जताई थी। इस विषय पर मंत्री पाण्डे का कहना है कि अगर भारत चाहे तो नेपाल इन दोनों विमानस्थल पर उसके यहां बने आईएलएस प्रणाली लगाने को तैयार है।

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