सूरत :  चीन से नायलॉन फिलामेंट यार्न के आयात पर प्रस्तावित एंटी-डंपिंग ड्यूटी को लेकर बुनकरों ने चिंता जताई

ड्यूटी बढ़ाने की मांग से कीमतों में उछाल, बुनकरों को त्योहारी सीजन में मुनाफे में कमी का डर

सूरत :  चीन से नायलॉन फिलामेंट यार्न के आयात पर प्रस्तावित एंटी-डंपिंग ड्यूटी को लेकर बुनकरों ने चिंता जताई

नायलॉन स्पिनर्स एसोसिएशन ने टेक्सटाइल मंत्री एवं टेक्सटाइल सेक्रेटरी से मुलाकात कर चीन से आयात होने वाले नायलॉन फिलामेंट यार्न पर एन्टी डंपिंग ड्यूटी एवं बीआईएस लागू करने की पेशकश की है। एसोसिएशन की मांग के बाद विवर्स में हड़कंप मच गया है। साथ ही एक दिन में ही यार्न पर 5 रुपये प्रति किलो की बढोतरी होने से हजारों विवर्सों के मार्जिन पर पानी फिर गया। त्योहारों के साथ दीपावली की सीजन खराब करने का प्रयास मानकर विवर्सों ने विरोध दर्ज कराया है। 

गुणवत्ता युक्त यार्न की उपलब्धता पर जोर देने की जरुरत :  अशोक जीरावाला

फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर एसोसिएशन के प्रमुख अशोक जीरावाला ने बताया कि आयात होने वाले यार्न पर एन्टी डंपिंग ड्युटी एवं बीआईएस लागू करने की मांग करने के बजाय गुणवत्ता युक्त यार्न की उपलब्धता पर जोर देने की जरुरत है। यदि वीवर को क्वालिटी युक्त यार्न यहां पर ही उपलब्ध हो जाता है तो वह बाहर से क्यों आयात करेगा। वीवर्स उस यार्न का उपयोग करता है जिससे तैयार होने वाले कपड़ों की मांग विदेशों में होती है। उन्होंने कहा कि नायलॉन स्पिनर्स एसोसिएशन द्वारा आयात होने वाले यार्न पर एन्टी डंपिंग एवं बीआईएस लागू किये जाने की मांग की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन उनकी इस तरह मांग गैरवाजिब है और नायलॉन आधारित वीविंग इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। परिणाम स्वरुप अनेकों यूनिट बंद पड़ जाएंगे और हजारों कारीगरों के सामने रोजगार का संकट भी सर्जित हो सकता है।

फोगवा प्रमुख ने कहा कि इस तरह की मांग करने की बजाय उन्हें गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। जब तक ए ग्रेट का यार्न यहां उपलब्ध नहीं होगा तब तक आयात पर अंकुश लगाने के बारे में सोचना गलत होगा। रही बात बीआईएस लगाने की तो चीन से आयात होने वाले यार्न पर बीआईएस लागू है।आयात यार्न पर किसी प्रकार का नियंत्रण टेक्सटाइल उद्योग विशेष कर वीवर इंडस्ट्री के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। 30 से 40 प्रकार के यार्न तो यहां बनते ही नहीं है, जो यार्न यहां नहीं बनते ऐसे यार्न के आयात पर छूट होनी चाहिए। हालांकि फैब्रिक का आयात नहीं होना चाहिए।

...तो व्यापारी एक्सपोर्ट नहीं कर पाएगा : अशोक सिंघल

नीटिंग उद्योग से जुड़े कपड़ा कारोबारी अशोक सिंघल ने लोकतेज से बताया कि एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू होने से विवर्सें को यार्न महंगा पड़ेगा, जब यार्न महंगा होगा तो उससे तैयार होने वाले कपड़े भी महंगे होंगे और उसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ेगा। साथ ही साथ महंगा होने के कारण यहां का व्यापारी एक्सपोर्ट तो कर ही नहीं पाएगा। इस तरह निर्णय मूर्खता पूर्ण एवं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के समान होगा। क्वालिटी एवं वाजिब कीमत होने पर ही हम स्थानीय एवं ग्लोबल स्तर पर टिक पाएंगे। 

उद्योगों की ग्लोबल अड़चनें दूर करने की जिम्मेदारी सरकार की : विनय अग्रवाल

प्रतिष्ठित यार्न कारोबारी एवं नायलॉन स्पिनर्स एसोसिएशन के अग्रणी विनय अग्रवाल ने लोकतेज से बताया कि उद्योग लगाने में सरकार की ओर से काफी सहूलियतें दी जाती है। सभी प्रकार के सुविधाओं के बावजूद उद्योग सुचारू रूप से चले और किसी भी प्रकार की ग्लोबल अड़चनों को दूर करने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही होती है। उद्योगों के चलने से ही रोजगार के साथ ही चैन की प्रक्रिया चलती है। नायलॉन स्पिनिंग मिलों में हजारों टन यार्न मौजूद हैं तो बाहर से आयात क्यों? वीवर्स के अनुसार यार्न में क्वालिटी नहीं है? के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह सब फिजूल की बातें हैं। उपयोग करें और सुझाव दें यदि क्वालिटी को लेकर सुधार की गुंजाइश होगी तो स्पिनर्स अवश्य करेंगे। हम सभी का प्रयास आत्मनिर्भर होते हुए ग्लोबल मार्केट में अपना पहचान बनाना है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरुरत है।

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