मुंबई : देश की डिजिटल इकोनॉमी 2026 तक जीडीपी का 20 फीसदी होगी : आरबीआई रिपोर्ट
दास ने कहा-वित्तीय क्षेत्र को डिजिटल बनाने से अगली पीढ़ी की बैंकिंग का रास्ता खुला
मुंबई, 29 जुलाई (हि.स.)। भारत की डिजिटल इकोनॉमी वर्ष 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांचवां हिस्सा (20 फीसदी) बनने की ओर अग्रसर है। अभी देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था की जीडीपी में हिस्सेदारी 10 फीसदी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ‘मुद्रा और वित्त पर रिपोर्ट’ (आरसीएफ) की प्रस्तावना में यह अनुमान जताया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल जीडीपी के दसवें हिस्से वाली देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था पिछले दशक में दर्ज वृद्धि दरों के अनुरूप 2026 तक जीडीपी का पांचवां हिस्सा बनने की राह पर है।
रिपोर्ट की प्रस्तावना में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा है कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण से अगली पीढ़ी की बैंकिंग का रास्ता खुल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे सस्ती लागत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बेहतर हो रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस क्रांति को तेजी देने में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी और डेटा खपत की किफायती लागत का योगदान रहा है।
आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे अधिक मोबाइल डेटा खपत वाले देशों में से एक है, जहां 2023 में प्रति उपयोगकर्ता प्रति माह औसत खपत 24.1 जीबी रही। इस रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल क्रांति बैंकिंग बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और कर संग्रह दोनों शामिल हैं। जीवंत ऑनलाइन बाजार उभर रहे हैं और उनकी पहुंच बढ़ रही है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ‘मुद्रा और वित्त पर रिपोर्ट’ की प्रस्तावना में शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण अगली पीढ़ी की बैंकिंग गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। इससे किफायती लागत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार आ रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूपीआई ने अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए खुदरा भुगतान से जुड़े अनुभव में क्रांति लाने का काम किया है, जिससे लेन-देन पहले से तेज और ज्यादा सुविधाजनक हो गया है। डिजिटल मुद्रा क्षेत्र में रिजर्व बैंक ई-रुपये (सीबीडीसी) का भी पायलट परीक्षण चला रहा है।