मीरजापुर : ड्रोन से नैनौ यूरिया प्लस का छिड़काव, हाईटेक खेती का लाभ उठाने आगे आए किसान

इफको की ओर से छिड़काव के लिए वाहन सहित ड्रोन मुहैया कराया जा रहा है

मीरजापुर : ड्रोन से नैनौ यूरिया प्लस का छिड़काव, हाईटेक खेती का लाभ उठाने आगे आए किसान

मीरजापुर, 28 जुलाई (हि.स.)। हाईटेक खेती का लाभ उठाने के लिए जिले के किसान भी अब आगे आने लगे हैं। ड्रोन से कम समय और कम खर्च में आसानी से छिड़काव होगा। इससे किसान की आय में बढ़ोत्तरी होगी। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) की ओर से छिड़काव के लिए वाहन सहित ड्रोन मुहैया कराया जा रहा है। पहले चरण में तहसील सदर, विकास खंड पहाड़ी और जमालपुर में छिड़काव किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर ड्रोन से नैनो यूरिया प्लस का छिड़काव कराया जाएगा।

इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार ने बताया कि जनपद को तीन ड्रोन का आवंटन किया गया है। ड्रोन चलाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। नैनो यूरिया प्लस फसल को पर्याप्त नाइट्रोजन की पूर्ति करता है। खेतों में यूरिया का छिड़काव करने पर लगभग 35 प्रतिशत उपयोग ही पौधे कर पाते हैं, जबकि शेष मिट्टी में व्यर्थ हो जाता है। 45 किग्रा यूरिया के बैग के बराबर 500 एमएल शीशी की नैनो यूरिया प्लस काम करती है।

अभी तक खेतों में डाली जाने वाली यूरिया पानी में घुलकर जमीन के अंदर चली जाती है। उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। वर्तमान समय में धान की रोपाई का काम चल रहा है, ऐसे में धान की पौध का जड़ शोधन बहुत ही अच्छा एवं कारगर उपाय है। इसके लिए किसान नैनो डीएपी का प्रयोग करें। पांच एमएल प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर धान की पौध पर 20-30 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर निकाल कर 10 मिनट सूखने के लिये छोड़ दें। फिर रोपाई कर दें। रोपाई के बाद पौधे में नाइट्रोजन और फास्फोरस की पूर्ति प्रारंभिक अवस्था में ही हो जाएगी। पौधे का विकास बहुत ही अच्छा होगा।

उन्होंने बताया कि एक एकड़ में लगभग 500 एमएल की शीशी पर्याप्त होती है। एक मिली लीटर शीशी की कीमत 225 रुपये है। इससे सरकार द्वारा प्रति बोरी यूरिया पर दी जाने वाली लगभग 850 रुपये की सब्सिडी बचेगी। इफको के नैनो उर्वरक को खरीदने पर किसानों को निःशुल्क दुर्घटना बीमा प्रदान किया जाता है।

कृषि स्नातक को ड्रोन खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान

ड्रोन की लागत लगभग 10 लाख रुपए है। इस पर सरकार की ओर से 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। वहीं कृषि स्नातक अगर स्वरोजगार के लिए ड्रोन खरीदता है तो उस पर सरकार 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है।